उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में ग्राम पंचायत सचिवों का फेशियल रिकॉग्निशन बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम (FRS) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत शुक्रवार को पांचवें दिन भी सचिवों ने विकासखंड बलरामपुर के ब्लॉक परिषद प्रांगण में शांतिपूर्ण धरना दिया। सचिवों का कहना है कि सरकार द्वारा लागू की गई यह नई उपस्थिति प्रणाली अव्यावहारिक है और उनकी कार्यकुशलता में बाधा डाल रही है। दिन में तीन बार मोबाइल से फोटो भेजकर उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया उन्हें फील्ड कार्यों से विचलित करती है। उनका आरोप है कि सरकार गांव के विकास से ज्यादा “चेहरों” पर ध्यान दे रही है। काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए सचिवों ने गैर-विभागीय कार्यों के अत्यधिक बोझ पर भी नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि लगातार बढ़ते अनावश्यक कार्य दबाव के कारण ग्रामीण विकास से जुड़े उनके मूल दायित्व प्रभावित हो रहे हैं। ग्राम विकास अधिकारी राकेश चौधरी और ब्लॉक अध्यक्ष ग्राम विकास अधिकारी संघ दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में यह आंदोलन चल रहा है। इसका उद्देश्य सरकार को यह स्पष्ट संदेश देना है कि सचिवों पर अव्यावहारिक आदेश थोपना स्वीकार्य नहीं है। सचिवों ने यह भी बताया कि FRS प्रणाली तकनीकी रूप से भी अव्यवस्थित है और फील्ड क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या के कारण अक्सर उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल हो जाता है। धरने में सीमांत शेखर, हरिशंकर तिवारी, संजीव श्रीवास्तव, महेंद्र कुमार यादव, कामता प्रसाद, अंकित कुमार, अश्वनी सिंह, ममता और उपेंद्र कुमार सहित कई सचिव मौजूद रहे। सचिवों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो वे आंदोलन को और व्यापक तथा तीव्र करने के लिए मजबूर होंगे। फिलहाल, सचिवों ने जनता को असुविधा से बचाने के लिए अपने नियमित कार्यों का निर्वहन जारी रखा है। हालांकि, उनका विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती।
बलरामपुर में सचिवों का FRS के खिलाफ विरोध प्रदर्शन:नई अटेंडेंस प्रणाली हटाने की मांग, आंदोलन तेज हुआ
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में ग्राम पंचायत सचिवों का फेशियल रिकॉग्निशन बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम (FRS) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत शुक्रवार को पांचवें दिन भी सचिवों ने विकासखंड बलरामपुर के ब्लॉक परिषद प्रांगण में शांतिपूर्ण धरना दिया। सचिवों का कहना है कि सरकार द्वारा लागू की गई यह नई उपस्थिति प्रणाली अव्यावहारिक है और उनकी कार्यकुशलता में बाधा डाल रही है। दिन में तीन बार मोबाइल से फोटो भेजकर उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया उन्हें फील्ड कार्यों से विचलित करती है। उनका आरोप है कि सरकार गांव के विकास से ज्यादा “चेहरों” पर ध्यान दे रही है। काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए सचिवों ने गैर-विभागीय कार्यों के अत्यधिक बोझ पर भी नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि लगातार बढ़ते अनावश्यक कार्य दबाव के कारण ग्रामीण विकास से जुड़े उनके मूल दायित्व प्रभावित हो रहे हैं। ग्राम विकास अधिकारी राकेश चौधरी और ब्लॉक अध्यक्ष ग्राम विकास अधिकारी संघ दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में यह आंदोलन चल रहा है। इसका उद्देश्य सरकार को यह स्पष्ट संदेश देना है कि सचिवों पर अव्यावहारिक आदेश थोपना स्वीकार्य नहीं है। सचिवों ने यह भी बताया कि FRS प्रणाली तकनीकी रूप से भी अव्यवस्थित है और फील्ड क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या के कारण अक्सर उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल हो जाता है। धरने में सीमांत शेखर, हरिशंकर तिवारी, संजीव श्रीवास्तव, महेंद्र कुमार यादव, कामता प्रसाद, अंकित कुमार, अश्वनी सिंह, ममता और उपेंद्र कुमार सहित कई सचिव मौजूद रहे। सचिवों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो वे आंदोलन को और व्यापक तथा तीव्र करने के लिए मजबूर होंगे। फिलहाल, सचिवों ने जनता को असुविधा से बचाने के लिए अपने नियमित कार्यों का निर्वहन जारी रखा है। हालांकि, उनका विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती।








































