बलरामपुर में एफआरएस के खिलाफ विरोध:ग्राम पंचायत सचिवों ने खंड विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

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उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में ग्राम पंचायत सचिवों का फेशियल रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली (FRS) के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत, शुक्रवार को पाँचवें दिन भी सचिवों ने विकासखंड बलरामपुर में शांतिपूर्ण धरना दिया और काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। सचिवों का कहना है कि दिन में तीन बार फोटो भेजकर उपस्थिति दर्ज कराने की यह प्रणाली अव्यावहारिक है। उनका कार्य पूरी तरह फील्ड आधारित है और कई ग्राम पंचायतों का प्रभार होने के कारण उन्हें लगातार यात्रा करनी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या के चलते ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं हो पाता। उन्होंने यह भी बताया कि व्यक्तिगत मोबाइल में थर्ड पार्टी ऐप को एक्सेस देना निजता अधिकार और साइबर सुरक्षा के लिए खतरा है। सचिवों ने आरोप लगाया कि पंचायत और ग्राम्य विकास विभाग के अलावा लगभग 29 अन्य विभागों के कार्य बिना पर्याप्त संसाधन दिए उन पर थोपे जा रहे हैं, जिससे उनका मूल कार्य प्रभावित हो रहा है। सचिवों ने मोबाइल भत्ता, वाहन भत्ता, शैक्षिक योग्यता बढ़ाने, पदोन्नति में समानता और स्थानीय तैनाती जैसी कई अन्य मांगें भी उठाईं। इन सभी मांगों के समर्थन में ग्राम पंचायत अधिकारी संघ और ग्राम विकास अधिकारी संघ ने खंड विकास अधिकारी मनोज कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। सचिवों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनता को असुविधा न हो, इसके लिए वे अपने नियमित कार्य जारी रखेंगे। धरने में सीमांत शेखर, हरिशंकर तिवारी, संजीव श्रीवास्तव, महेंद्र कुमार यादव, कामता प्रसाद, अंकित कुमार, ममता मल्ल, उपेंद्र कुमार, अश्वनी सिंह, सुनील कुमार, राकेश चंद्र चौधरी, गुलाब चंद्र, शहाबुद्दीन, विकास यादव सहित अनेक सचिव उपस्थित रहे।
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