जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम 6.30 बजे परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम और काउंसलर शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य जनपद में परिवार नियोजन कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाना, समुदाय के व्यवहार और रुझानों को समझना तथा सबसे अधिक स्वीकार किए जाने वाले तरीकों की पहचान कर बेहतर कार्ययोजना तैयार करना था। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने प्रतिभागियों से परिवार नियोजन सेवाओं की वर्तमान स्थिति, समुदाय में प्रचलित व्यवहार, चुनौतियों और अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन जानकारियों के आधार पर ऐसी सर्वश्रेष्ठ रणनीतियाँ लागू की जाएँगी, जो समुदाय में परिवार नियोजन सेवाओं की स्वीकृति और उपयोग बढ़ाने में सहायक होंगी। डीएम ने निर्देश दिए कि टीकाकरण या अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आने वाले प्रत्येक बच्चे के साथ दोनों अभिभावकों (माता-पिता) की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इससे दंपति परामर्श प्रभावी ढंग से आयोजित किया जा सकेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवार नियोजन पद्धति स्वीकारने के निर्णय में पुरुषों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है और इसे बढ़ाने के लिए टीमों को विशेष प्रयास करने होंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने भी टीमों को निर्देशित किया कि ‘सास-बहू सम्मेलन’ और ‘छाया वीएचएसएनडी सत्रों’ को परिवार नियोजन कार्यक्रम के साथ सशक्त रूप से जोड़ा जाए। इन मंचों के माध्यम से महिलाओं, दंपतियों और परिवारों को सही जानकारी प्रदान कर जागरूकता एवं स्वीकृति बढ़ाई जा सकती है। सामुदायिक स्तर पर साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली “छाया” की उपयोगिता बढ़ाने हेतु अभियान भी चलाया जाएगा। अंत में, जिलाधिकारी ने कहा कि टीमों के समन्वित प्रयासों से परिवार नियोजन कार्यक्रम को नई दिशा मिलेगी और समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित होंगे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग से डॉ. बी.पी. सिंह (नोडल परिवार कल्याण), आकाश कुमार सिंह (एफपीएलएमआईएस मैनेजर), राम गुलाम वर्मा (जिला प्रतिनिधि) और सुरितेश डागुर (जिला प्रतिनिधि, पीएफआई) उपस्थित रहे।
बलरामपुर में डीएम ने ली परिवार नियोजन की बैठक:कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के लिए दिए कई अहम निर्देश
जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम 6.30 बजे परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम और काउंसलर शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य जनपद में परिवार नियोजन कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाना, समुदाय के व्यवहार और रुझानों को समझना तथा सबसे अधिक स्वीकार किए जाने वाले तरीकों की पहचान कर बेहतर कार्ययोजना तैयार करना था। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने प्रतिभागियों से परिवार नियोजन सेवाओं की वर्तमान स्थिति, समुदाय में प्रचलित व्यवहार, चुनौतियों और अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन जानकारियों के आधार पर ऐसी सर्वश्रेष्ठ रणनीतियाँ लागू की जाएँगी, जो समुदाय में परिवार नियोजन सेवाओं की स्वीकृति और उपयोग बढ़ाने में सहायक होंगी। डीएम ने निर्देश दिए कि टीकाकरण या अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आने वाले प्रत्येक बच्चे के साथ दोनों अभिभावकों (माता-पिता) की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इससे दंपति परामर्श प्रभावी ढंग से आयोजित किया जा सकेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवार नियोजन पद्धति स्वीकारने के निर्णय में पुरुषों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है और इसे बढ़ाने के लिए टीमों को विशेष प्रयास करने होंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने भी टीमों को निर्देशित किया कि ‘सास-बहू सम्मेलन’ और ‘छाया वीएचएसएनडी सत्रों’ को परिवार नियोजन कार्यक्रम के साथ सशक्त रूप से जोड़ा जाए। इन मंचों के माध्यम से महिलाओं, दंपतियों और परिवारों को सही जानकारी प्रदान कर जागरूकता एवं स्वीकृति बढ़ाई जा सकती है। सामुदायिक स्तर पर साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली “छाया” की उपयोगिता बढ़ाने हेतु अभियान भी चलाया जाएगा। अंत में, जिलाधिकारी ने कहा कि टीमों के समन्वित प्रयासों से परिवार नियोजन कार्यक्रम को नई दिशा मिलेगी और समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित होंगे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग से डॉ. बी.पी. सिंह (नोडल परिवार कल्याण), आकाश कुमार सिंह (एफपीएलएमआईएस मैनेजर), राम गुलाम वर्मा (जिला प्रतिनिधि) और सुरितेश डागुर (जिला प्रतिनिधि, पीएफआई) उपस्थित रहे।









































