सिद्धार्थनगर के जोगिया क्षेत्र स्थित खंड विकास कार्यालय पर ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारियों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। यह प्रदर्शन तीन बार हाजिरी लगाने वाले शासनादेश के विरोध में किया जा रहा है। आंदोलनकारी अधिकारियों ने आज से सभी ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर होने का निर्णय लिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्षेत्र में तीन बार हाजिरी लगाने वाला 3 नवंबर का शासनादेश वापस नहीं लिया गया, तो 10 दिसंबर से वे निजी ईंधन से चलने वाले वाहनों का प्रयोग भी बंद कर देंगे। ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला महामंत्री परमात्मा यादव ने कहा कि यह शासनादेश उन पर अमानवीय तरीके से थोपा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनसे सभी विभागों के कार्यों को पंचायत स्तर पर क्रियान्वित करवाया जाता है। वहीं, अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि उनका संगठन इस शासनादेश को स्वीकार नहीं करेगा और आंदोलन तब तक जारी रहेगा। इस मौके पर परमात्मा यादव, गौरव त्रिपाठी, प्रदीप सिंह, अभिषेक त्रिपाठी, गायत्री देवी, अनिल मिश्रा, मोहम्मद मुस्तफा और सुभाष चंद्र सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। खास बात यह है कि ग्राम विकास अधिकारियों के इस आंदोलन को ग्राम प्रधानों ने भी समर्थन दिया है।
ग्राम विकास अधिकारियों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी:सिद्धार्थनगर में शासनादेश के विरोध में प्रदर्शन तेज
सिद्धार्थनगर के जोगिया क्षेत्र स्थित खंड विकास कार्यालय पर ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारियों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। यह प्रदर्शन तीन बार हाजिरी लगाने वाले शासनादेश के विरोध में किया जा रहा है। आंदोलनकारी अधिकारियों ने आज से सभी ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर होने का निर्णय लिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्षेत्र में तीन बार हाजिरी लगाने वाला 3 नवंबर का शासनादेश वापस नहीं लिया गया, तो 10 दिसंबर से वे निजी ईंधन से चलने वाले वाहनों का प्रयोग भी बंद कर देंगे। ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला महामंत्री परमात्मा यादव ने कहा कि यह शासनादेश उन पर अमानवीय तरीके से थोपा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनसे सभी विभागों के कार्यों को पंचायत स्तर पर क्रियान्वित करवाया जाता है। वहीं, अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि उनका संगठन इस शासनादेश को स्वीकार नहीं करेगा और आंदोलन तब तक जारी रहेगा। इस मौके पर परमात्मा यादव, गौरव त्रिपाठी, प्रदीप सिंह, अभिषेक त्रिपाठी, गायत्री देवी, अनिल मिश्रा, मोहम्मद मुस्तफा और सुभाष चंद्र सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। खास बात यह है कि ग्राम विकास अधिकारियों के इस आंदोलन को ग्राम प्रधानों ने भी समर्थन दिया है।









































