बहराइच में बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी में आस्था की डुबकी लगाई। बहराइच जिले के नवाबगंज और चौगड़वा सहित कई स्थानों पर विशेष आयोजन किए गए। नवाबगंज और चौगड़वा क्षेत्रों में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कई स्थानों पर मेले भी लगे। श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर स्नान कर पूजा-अर्चना की। पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया। सबसे अधिक भीड़ भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कलकलवा तटबंध के समीप लक्ष्मणपुर रहसोरवा घाट पर देखी गई। यहां बड़ी संख्या में लोग स्नान करने पहुंचे। यह घाट अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। इस दौरान नेपाल के हलबल डोली, पिपराहवा, खडै़चा, नई बस्ती, जाफर पुरवा और नरैनापुर जैसे क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इन नेपाली श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी पार कर लक्ष्मणपुर रहसोरवा घाट पर स्नान किया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
राप्ती नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी: नवाबगंज, बहराइच और भारत-नेपाल सीमा पर उमड़ी आस्था की भीड़ – Chaugorwa(Nanpara) News
बहराइच में बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी में आस्था की डुबकी लगाई। बहराइच जिले के नवाबगंज और चौगड़वा सहित कई स्थानों पर विशेष आयोजन किए गए। नवाबगंज और चौगड़वा क्षेत्रों में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कई स्थानों पर मेले भी लगे। श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर स्नान कर पूजा-अर्चना की। पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया। सबसे अधिक भीड़ भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कलकलवा तटबंध के समीप लक्ष्मणपुर रहसोरवा घाट पर देखी गई। यहां बड़ी संख्या में लोग स्नान करने पहुंचे। यह घाट अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। इस दौरान नेपाल के हलबल डोली, पिपराहवा, खडै़चा, नई बस्ती, जाफर पुरवा और नरैनापुर जैसे क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इन नेपाली श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी पार कर लक्ष्मणपुर रहसोरवा घाट पर स्नान किया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।









































