कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भारत भारी स्थित ऐतिहासिक तीर्थ सागर पर आयोजित मेले में दूसरे दिन भी भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए सागर के घाटों पर पहुंचने लगे। मेला परिसर महिला, पुरुष और बच्चों की भीड़ से गुलजार रहा। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के विशेष महत्व के कारण दूर-दराज से लोग यहां पहुंचे। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की। आस्था के साथ-साथ लोगों ने मेले में लगे विभिन्न झूलों, मौत के कुएं, खेल-तमाशे और खाने-पीने के स्टॉलों का भी आनंद लिया। बच्चों में झूले और खिलौनों के प्रति विशेष उत्साह देखा गया, जबकि महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री और खाजा की दुकानों पर खरीदारी की। मेले में स्थानीय कलाकारों ने धार्मिक भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति दी, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया। शाम ढलते ही मेला परिसर रोशनी और सजावट से जगमगा उठा। श्रद्धालुओं के अलावा आसपास के गांवों से आए लोगों ने भी इस अवसर का आनंद लिया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। डुमरियागंज तहसील प्रशासन, नगर पंचायत भारत भारी और स्थानीय पुलिस ने मिलकर चाक-चौबंद इंतजाम किए। पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती, सीसीटीवी निगरानी और बैरिकेडिंग की व्यवस्था से मेला शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। नगर पंचायत द्वारा सफाई और पेयजल की उत्कृष्ट व्यवस्था की लोगों ने सराहना की। नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्र प्रकाश वर्मा उर्फ चंदू चौधरी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का मेला भारत भारी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने कहा कि यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे क्षेत्र की धार्मिक और सामाजिक एकता मजबूत होती है। उन्होंने श्रद्धालुओं से मेले में स्वच्छता बनाए रखने और शांति व्यवस्था में सहयोग की अपील की।
भारत भारी मेले में दूसरे दिन भी उमड़ी भीड़:श्रद्धालुओं ने आस्था और मनोरंजन का लिया आनंद
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भारत भारी स्थित ऐतिहासिक तीर्थ सागर पर आयोजित मेले में दूसरे दिन भी भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए सागर के घाटों पर पहुंचने लगे। मेला परिसर महिला, पुरुष और बच्चों की भीड़ से गुलजार रहा। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के विशेष महत्व के कारण दूर-दराज से लोग यहां पहुंचे। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की। आस्था के साथ-साथ लोगों ने मेले में लगे विभिन्न झूलों, मौत के कुएं, खेल-तमाशे और खाने-पीने के स्टॉलों का भी आनंद लिया। बच्चों में झूले और खिलौनों के प्रति विशेष उत्साह देखा गया, जबकि महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री और खाजा की दुकानों पर खरीदारी की। मेले में स्थानीय कलाकारों ने धार्मिक भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति दी, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया। शाम ढलते ही मेला परिसर रोशनी और सजावट से जगमगा उठा। श्रद्धालुओं के अलावा आसपास के गांवों से आए लोगों ने भी इस अवसर का आनंद लिया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। डुमरियागंज तहसील प्रशासन, नगर पंचायत भारत भारी और स्थानीय पुलिस ने मिलकर चाक-चौबंद इंतजाम किए। पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती, सीसीटीवी निगरानी और बैरिकेडिंग की व्यवस्था से मेला शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। नगर पंचायत द्वारा सफाई और पेयजल की उत्कृष्ट व्यवस्था की लोगों ने सराहना की। नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्र प्रकाश वर्मा उर्फ चंदू चौधरी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का मेला भारत भारी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने कहा कि यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे क्षेत्र की धार्मिक और सामाजिक एकता मजबूत होती है। उन्होंने श्रद्धालुओं से मेले में स्वच्छता बनाए रखने और शांति व्यवस्था में सहयोग की अपील की।









