बस्ती में भारत मुक्ति मोर्चा ने गुरुवार को एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज पर बढ़ते उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन किया। संगठन ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को 11 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। जिलाध्यक्ष आरके आरतियन के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो 18 नवंबर को जिला मुख्यालय पर रैली और प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन में एक मासूम बालिका के हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी, पुरानी जांच समिति को बर्खास्त कर उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। इसके साथ ही, परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और नौकरी देने की भी मांग शामिल है। मोर्चा ने बस्ती में धरना स्थल से जबरन हटाने और पिटाई करने वाले चौकी इंचार्ज पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर निलंबन व तबादले की मांग की। ज्ञापन में कुशीनगर के डॉ. पवन खरवार पर हमले, काकोरी में दलित बुजुर्ग पर अत्याचार, क्रिश्चियन पूजा स्थलों पर हमले और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ झूठे मुकदमों का भी जिक्र किया गया। महिला विंग की जिलाध्यक्ष सरिता भारती ने दलित महिला शांति देवी के पुत्र के अपहरण और मारपीट के मामले में न्याय की मांग उठाई। इस प्रदर्शन को समाजवादी बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष रितिक कुमार और उपाध्यक्ष अंकुर गौतम ने भी समर्थन दिया। इस दौरान बुद्धेश राना, हृदय गौतम, अमरजीत आर्य, रंजीत गौतम, ठाकुर प्रेमनन्द बंशी और दीपक कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।
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