बलरामपुर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत राप्ती नदी के सिसई घाट पर रिवर रैंचिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। राष्ट्रीय मात्स्यिकीय विकास बोर्ड, हैदराबाद के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में सदर विधायक पलटू राम और नगर पालिका परिषद बलरामपुर के चेयरमैन धीरेंद्र प्रताप सिंह “धीरू” मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान राप्ती नदी में 2 लाख मत्स्य बीज छोड़े गए। बलरामपुर के सहायक निदेशक मत्स्य, श्री दीपान्सू ने बताया कि रिवर रैंचिंग कार्यक्रम राष्ट्रीय मात्स्यिकीय विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य नदियों में मत्स्य संपदा को बनाए रखना और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि यह पहल जल की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ मछलियों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन को भी सुनिश्चित करेगी। श्री दीपान्सू ने आगे बताया कि वर्तमान में नदी प्रदूषण, मानवीय हस्तक्षेप और अन्य कारणों से मछलियों की प्रजातियों में कमी आ रही है। इससे जलीय जीवों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जो जलीय पारिस्थितिकी तंत्र और मानव जीवन दोनों के लिए हानिकारक है। इस समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने रिवर रैंचिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ जैसे गंगा, यमुना, राप्ती, घाघरा, गंडक और बेतवा में मछलियों की प्रजनक संख्या बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम की हैचरियों से तैयार मत्स्य बीजों का संचय किया जा रहा है। कार्यक्रम के समापन पर सहायक निदेशक मत्स्य श्री दीपान्सू ने मुख्य अतिथि विधायक पलटू राम और विशिष्ट अतिथि चेयरमैन धीरेंद्र प्रताप सिंह “धीरू” का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मत्स्य निरीक्षक रमन चौधरी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।
राप्ती नदी में 2 लाख मत्स्य बीज का संचय:सदर विधायक और चेयरमैन की मौजूदगी में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम
बलरामपुर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत राप्ती नदी के सिसई घाट पर रिवर रैंचिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। राष्ट्रीय मात्स्यिकीय विकास बोर्ड, हैदराबाद के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में सदर विधायक पलटू राम और नगर पालिका परिषद बलरामपुर के चेयरमैन धीरेंद्र प्रताप सिंह “धीरू” मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान राप्ती नदी में 2 लाख मत्स्य बीज छोड़े गए। बलरामपुर के सहायक निदेशक मत्स्य, श्री दीपान्सू ने बताया कि रिवर रैंचिंग कार्यक्रम राष्ट्रीय मात्स्यिकीय विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य नदियों में मत्स्य संपदा को बनाए रखना और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि यह पहल जल की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ मछलियों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन को भी सुनिश्चित करेगी। श्री दीपान्सू ने आगे बताया कि वर्तमान में नदी प्रदूषण, मानवीय हस्तक्षेप और अन्य कारणों से मछलियों की प्रजातियों में कमी आ रही है। इससे जलीय जीवों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जो जलीय पारिस्थितिकी तंत्र और मानव जीवन दोनों के लिए हानिकारक है। इस समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने रिवर रैंचिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ जैसे गंगा, यमुना, राप्ती, घाघरा, गंडक और बेतवा में मछलियों की प्रजनक संख्या बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम की हैचरियों से तैयार मत्स्य बीजों का संचय किया जा रहा है। कार्यक्रम के समापन पर सहायक निदेशक मत्स्य श्री दीपान्सू ने मुख्य अतिथि विधायक पलटू राम और विशिष्ट अतिथि चेयरमैन धीरेंद्र प्रताप सिंह “धीरू” का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मत्स्य निरीक्षक रमन चौधरी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।



































