पीएनबी के पूर्व शाखा प्रबंधक पर दो और मुकदमे दर्ज:12 करोड़ के फर्जी लोन घोटाले में गबन का आरोप, दस्तावेजों की जांच

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बलरामपुर में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की नहर बालागंज शाखा के पूर्व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक महेश त्रिपाठी की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। करोड़ों रुपए के फर्जी लोन घोटाले में पहले से जेल में बंद त्रिपाठी के खिलाफ दो और नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं। महेश त्रिपाठी पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और ओवरड्राफ्ट खातों के नाम पर 86 जाली लोन स्वीकृत कर लगभग 12 करोड़ के गबन का आरोप है। नए मुकदमों में उनके साथियों को भी आरोपी बनाया गया है। पहला मामला- जुहैब अहमद की शिकायत पर दर्ज नगर क्षेत्र के पुरैनिया तालाब निवासी जुहैब अहमद की तहरीर पर पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें महेश त्रिपाठी, गोंडा निवासी पीएसपी कंस्ट्रक्शंस के प्रोपराइटर समरजीत सिंह, उनकी पत्नी पूनम सिंह, बेटा वैभव सिंह और मैनेजर संतोष सिंह को आरोपी बनाया गया है। जुहैब ने बताया कि वह भवन निर्माण सामग्री की दुकान चलाते हैं और उनका पीएनबी, नहर बालागंज शाखा में वर्ष 2016-17 से खाता है। इसी बैंक में उनकी पहचान समरजीत सिंह से हुई थी, जो ठेकेदार के रूप में काम करता था। कुछ समय बाद समरजीत ने महेश त्रिपाठी और संतोष सिंह की मदद से जुहैब के नाम पर दो फर्जी लोन खाते खोल दिए, जिनमें ₹15 लाख और ₹20 लाख के लोन स्वीकृत दिखाए गए। जुहैब के अनुसार, उनकी पत्नी सबा, भाई जैद और चचेरे भाई सोएब के नाम से भी जाली दस्तावेज बनाकर करोड़ों रुपए के लोन जारी किए गए। उनके खाते में बार-बार रकम ट्रांसफर की गई। जिसके बारे में बताया गया कि यह पीएसपी कंस्ट्रक्शंस का पैसा है। जुलाई 2024 में उन्होंने 1.20 करोड़ वापस फर्म के खाते में ट्रांसफर कर दिए। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि इस पूरे फर्जीवाड़े में समरजीत की पत्नी पूनम और बेटा वैभव भी सक्रिय रूप से शामिल थे। दूसरा मामला- रघुनाथ सिंह की शिकायत दूसरी शिकायत गोंडा के रघुनाथ सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष पहले बैंक प्रबंधक महेश त्रिपाठी और संतोष सिंह उनके घर आए थे और डेयरी यूनिट लोन का प्रस्ताव दिया था। दोनों ने रघुनाथ और उनकी पत्नी अमिता सिंह के आधार और पैन कार्ड की प्रतियां लेकर मोबाइल से तस्वीरें भी खींचीं। कुछ महीने बाद उन्हें पता चला कि उनके दस्तावेजों का फर्जी उपयोग कर लोन खाता खोला गया और रकम निकाल ली गई। नगर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि दोनों तहरीरों पर महेश त्रिपाठी और उनके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं। दोनों मामलों की जांच जारी है। पुलिस बैंक रिकॉर्ड एवं फर्जी दस्तावेजों की जांच-पड़ताल में जुटी है।
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