मुंडेरवा में शहीद किसान मेले की तैयारियां शुरू:भारतीय किसान यूनियन 11 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा करेगा आयोजित

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मुंडेरवा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा शहीद किसान मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह मेला 11 दिसंबर 2002 की घटना में शहीद हुए किसानों की याद में आयोजित किया जाएगा। तैयारियों के क्रम में, आज शहीद किसानों की प्रतिमाओं की साफ-सफाई की गई। यह मेला 11 दिसंबर 2002 को मुंडेरवा में हुई एक हिंसक घटना की याद में आयोजित किया जाता है। उस दिन, मुंडेरवा चीनी मिल को फिर से चालू करने की मांग को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच संघर्ष हुआ था। 6 दिसंबर को शुरू हुआ यह संघर्ष 11 दिसंबर को हिंसक हो गया, जब किसान रेल चक्का जाम करने पहुंचे। प्रशासन ने आंदोलन को दबाने के लिए लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की, जिसके जवाब में किसानों ने भी पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें जगदीशपुर मंझरिया के बद्री प्रसाद चौधरी, चंगेरा मंगेरा के तिलकराज और मेहड़ा पुरवा के धर्मराज उर्फ जुगानी सहित तीन किसान शहीद हो गए। इस घटना के बाद भी आंदोलन उग्र रहा और कई महीनों तक चला। सरकार ने भाकियू प्रतिनिधियों से बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मुंडेरवा को नई चीनी मिल की सौगात दी और मृतक आश्रितों को नौकरी देने की घोषणा की। वर्ष 2019 में नई चीनी मिल का निर्माण पूरा हुआ और तीनों मृतक आश्रितों को नौकरी प्रदान की गई। भारतीय किसान यूनियन 11 दिसंबर 2002 की घटना को भूला नहीं है। संगठन हर साल मुंडेरवा में शहीद किसानों और घायलों की याद में श्रद्धांजलि सभा और मेले का आयोजन करता है। इस मेले में कृषि वैज्ञानिक किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं, जिसमें शामिल होने के लिए देश भर से किसान आते हैं।

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