एनएच 730 सनई–शोहरतगढ़ मार्ग पर धेनसानानकार चौराहे के पास एनएचआई द्वारा कराया जा रहा नाला निर्माण इस समय जानलेवा जाल बन गया है। विकास कार्य के नाम पर हो रही मनमानी किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है। हाईवे पर तेज रफ्तार भारी वाहनों की आवाजाही के बीच जिस तरह सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर निर्माण चल रहा है, वह चौंकाने वाला और गुस्सा दिलाने वाला है। सड़क के दोनों तरफ मिक्सर ट्रक खड़े कर गिट्टी–मोरंग–सीमेंट का मिश्रण सीधे नाले में गिराया जा रहा है। लेकिन इतनी खतरनाक प्रक्रिया बिना किसी बैरिकेडिंग, बिना चेतावनी बोर्ड, बिना सिग्नल लाइट और बिना सुरक्षा कर्मियों के की जा रही है। रात में चलने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए यह जगह “निर्माण स्थल” नहीं बल्कि सीधा मौत का फंदा बन गई है। अंधेरे में खड़े ट्रक, खुला नाला और कब्जे में ली गई आधी सड़क का अंदाज़ा ही नहीं चलता। ज़रा सी चूक हुई तो जान जाना तय है।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एनएचआई का यह लापरवाह निर्माण रात भर जारी रहता है। दृश्यता कम, लेकिन न सुरक्षा लाइट, न रिफ्लेक्टर, न कोई चेतावनी—यह हालात किसी भी पल बड़ा हादसा कर सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई वाहन चालक अचानक ट्रक और खुले गड्ढे के सामने आकर हादसे से बाल-बाल बचे हैं, लेकिन एनएचआई के जिम्मेदार अधिकारी मानो गहरी नींद में हैं।निर्माण के नाम पर आधी सड़क कब्जा ली गई है, जिससे हाईवे का यह हिस्सा बेहद संकरा और खतरनाक बन चुका है। न डाइवर्जन, न वैकल्पिक मार्ग, न कोई मॉनिटरिंग—हर दिशा में सिर्फ लापरवाही ही दिख रही है। राहगीरों का आरोप है कि एनएचआई नियमों को जेब में रखकर सड़क पर मनमानी करवा रहा है। “यह विकास नहीं, जनता की जान से खेला जा रहा जोखिम भरा प्रयोग है,” लोगों का साफ कहना है।हाईवे निर्माण के नियमों के मुताबिक बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर, सुरक्षा कर्मी और ब्लिंकिंग लाइट अनिवार्य हैं, लेकिन धेनसानानकार चौराहे पर इनका नामोनिशान तक नहीं। यहां सिर्फ एक ही चीज़ दिखती है—बिना प्लानिंग के निर्माण और जनता की सुरक्षा के प्रति शर्मनाक उपेक्षा। किसी भी संवेदनशील अधिकारी को यह देखकर तुरंत काम रोक देना चाहिए, लेकिन एनएचआई की तरफ से न कोई रोक-टोक है, न कोई निरीक्षण और न सुधार की कोशिश।स्थानीय लोग बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि “एनएचआई अपनी बेलगाम कार्यशैली में इतना डूब चुका है कि उसे अब जनता की सुरक्षा की कोई चिंता ही नहीं रही।” लोगों ने जिले के प्रशासन, पुलिस और उच्चाधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पहले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और सुरक्षित निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।एनएच 730 पर धेनसानानकार चौराहे का यह निर्माण स्थल काम नहीं, बल्कि जिंदा मौत का गड्ढा बन गया है। जब तक सुरक्षा व्यवस्था और जवाबदेही तय नहीं होगी, यह जगह रोज़ सड़क से गुजरने वाले हजारों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करती रहेगी।
सिद्धार्थनगर में चौराहे पर नाला निर्माण, सुरक्षा नियमों की अनदेखी:आधी सड़क पर कब्जा, रात में भी बिना बैरिकेडिंग काम जारी
एनएच 730 सनई–शोहरतगढ़ मार्ग पर धेनसानानकार चौराहे के पास एनएचआई द्वारा कराया जा रहा नाला निर्माण इस समय जानलेवा जाल बन गया है। विकास कार्य के नाम पर हो रही मनमानी किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है। हाईवे पर तेज रफ्तार भारी वाहनों की आवाजाही के बीच जिस तरह सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर निर्माण चल रहा है, वह चौंकाने वाला और गुस्सा दिलाने वाला है। सड़क के दोनों तरफ मिक्सर ट्रक खड़े कर गिट्टी–मोरंग–सीमेंट का मिश्रण सीधे नाले में गिराया जा रहा है। लेकिन इतनी खतरनाक प्रक्रिया बिना किसी बैरिकेडिंग, बिना चेतावनी बोर्ड, बिना सिग्नल लाइट और बिना सुरक्षा कर्मियों के की जा रही है। रात में चलने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए यह जगह “निर्माण स्थल” नहीं बल्कि सीधा मौत का फंदा बन गई है। अंधेरे में खड़े ट्रक, खुला नाला और कब्जे में ली गई आधी सड़क का अंदाज़ा ही नहीं चलता। ज़रा सी चूक हुई तो जान जाना तय है।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एनएचआई का यह लापरवाह निर्माण रात भर जारी रहता है। दृश्यता कम, लेकिन न सुरक्षा लाइट, न रिफ्लेक्टर, न कोई चेतावनी—यह हालात किसी भी पल बड़ा हादसा कर सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई वाहन चालक अचानक ट्रक और खुले गड्ढे के सामने आकर हादसे से बाल-बाल बचे हैं, लेकिन एनएचआई के जिम्मेदार अधिकारी मानो गहरी नींद में हैं।निर्माण के नाम पर आधी सड़क कब्जा ली गई है, जिससे हाईवे का यह हिस्सा बेहद संकरा और खतरनाक बन चुका है। न डाइवर्जन, न वैकल्पिक मार्ग, न कोई मॉनिटरिंग—हर दिशा में सिर्फ लापरवाही ही दिख रही है। राहगीरों का आरोप है कि एनएचआई नियमों को जेब में रखकर सड़क पर मनमानी करवा रहा है। “यह विकास नहीं, जनता की जान से खेला जा रहा जोखिम भरा प्रयोग है,” लोगों का साफ कहना है।हाईवे निर्माण के नियमों के मुताबिक बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर, सुरक्षा कर्मी और ब्लिंकिंग लाइट अनिवार्य हैं, लेकिन धेनसानानकार चौराहे पर इनका नामोनिशान तक नहीं। यहां सिर्फ एक ही चीज़ दिखती है—बिना प्लानिंग के निर्माण और जनता की सुरक्षा के प्रति शर्मनाक उपेक्षा। किसी भी संवेदनशील अधिकारी को यह देखकर तुरंत काम रोक देना चाहिए, लेकिन एनएचआई की तरफ से न कोई रोक-टोक है, न कोई निरीक्षण और न सुधार की कोशिश।स्थानीय लोग बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि “एनएचआई अपनी बेलगाम कार्यशैली में इतना डूब चुका है कि उसे अब जनता की सुरक्षा की कोई चिंता ही नहीं रही।” लोगों ने जिले के प्रशासन, पुलिस और उच्चाधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पहले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और सुरक्षित निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।एनएच 730 पर धेनसानानकार चौराहे का यह निर्माण स्थल काम नहीं, बल्कि जिंदा मौत का गड्ढा बन गया है। जब तक सुरक्षा व्यवस्था और जवाबदेही तय नहीं होगी, यह जगह रोज़ सड़क से गुजरने वाले हजारों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करती रहेगी।









































