विक्रमजोत ब्लॉक के आनंदपुर-रूपगढ़ में रविवार को वार्षिक निकाय बैठक संपन्न हुई। इसमें बड़ी संख्या में समिति के सदस्य, किसान और ग्रामीण उपस्थित रहे। उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के निदेशक डॉ. प्रवीण सिंह जादौन मुख्य अतिथि थे, जबकि उच्च न्यायालय लखनऊ के अवकाशप्राप्त निबंधक कमलेश सिंह ने अध्यक्षता की। बैठक की शुरुआत वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने से हुई, जिसमें समिति की वित्तीय प्रगति, सदस्यता विस्तार, पारदर्शी वितरण प्रणाली, किसान सेवाओं तथा वर्षभर की उपलब्धियों का विस्तृत विवरण दिया गया। अपने संबोधन में डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने सहकारिता को ग्रामीण समृद्धि की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियाँ किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। डॉ. जादौन ने पारदर्शिता, सेवा और जवाबदेही को सहकारिता के तीन मूल स्तंभ बताते हुए कहा कि इन सिद्धांतों को अपनाकर समितियाँ नए आयाम प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य निर्माण सहकारी संघ डिजिटल सेवा-प्रणाली और क्षमता-विकास कार्यक्रमों के माध्यम से समितियों को आधुनिक और प्रभावी बनाने का प्रयास कर रहा है। जिला सहकारी बैंक के निदेशक सुनील यादव ने कहा कि सहकारी समितियाँ बैंकिंग सेवाओं, डिजिटल लेनदेन और वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता देकर ही आगे बढ़ेंगी। उन्होंने सहकारिता और बैंकिंग को एक ही पहिए के दो हिस्से बताया, जिनके मजबूत होने पर ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। यादव ने किसान और आम ग्रामीण को विश्वसनीय व पारदर्शी वित्तीय सेवाएँ उपलब्ध कराने को साझा दायित्व बताया। अध्यक्ष कमलेश सिंह ने वित्तीय अनुशासन, प्रशासनिक पारदर्शिता और सदस्यों की नियमित भागीदारी को किसी भी समिति की सफलता का आधार बताया। उन्होंने सदस्यों से संस्था के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सामूहिक निर्णय लेने और नियमित बैठकों में उपस्थित रहने का आह्वान किया। बैठक में आगामी वर्ष के लिए विकास योजनाओं, सुव्यवस्थित वितरण व्यवस्था, डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग, पारदर्शी खरीद प्रक्रिया और सदस्यता विस्तार अभियान पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई। अंत में, समिति के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम सौहार्द्र और सहकारिता की भावना के साथ संपन्न हुआ।
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