बलरामपुर जिले में 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीद प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। अब तक केवल 31 किसानों से लगभग 176.60 मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई है, जबकि विभाग ने 40 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसानों को अभी तक उनके धान का भुगतान नहीं किया गया है। वर्तमान में जिले में 32 खरीद केंद्र सक्रिय हैं। किसानों की सुविधा के लिए चार और नए केंद्रों को खोलने की अनुमति मिल गई है, जिससे कुल केंद्रों की संख्या बढ़कर 36 हो जाएगी। इस वर्ष खरीद केंद्रों पर किसानों की पहचान आंखों की स्कैनिंग प्रणाली से की जा रही है। नई तकनीक के कारण केंद्र प्रभारियों को शुरुआत में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। बोरे की कमी के कारण कई केंद्रों पर मिलर्स से पुराने बोरों का उपयोग किया जा रहा है। मिलर्स द्वारा अभी तक जमानत राशि या एफडीआर जमा न करने के कारण केंद्रों से धान का उठान शुरू नहीं हो सका है। किसानों की मांग पर लिलवा, खरदौरी, मथुरा लालपुर और कौवापुर में अतिरिक्त खरीद केंद्र खोलने की तैयारी है। लिलवा केंद्र को स्थानीय विधायक की पहल पर मंजूरी मिली है। धान बिक्री के लिए किसानों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जिले की तीनों तहसीलों में अब तक 1568 किसानों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से केवल 537 का सत्यापन पूरा हुआ है। बलरामपुर तहसील में 467 में से 95, तुलसीपुर में 1055 में से 429 और उतरौला में 46 में से 13 किसानों का सत्यापन हुआ है। शेष किसानों के दस्तावेजों का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी निश्चल आनंद ने बताया कि बोरों की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है और जिन केंद्रों पर कमी है, वहां मिलर्स द्वारा बोरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के कारण फसल में नमी आने से फिलहाल आवक कम है, लेकिन स्थिति जल्द सामान्य होने की उम्मीद है।
बलरामपुर में धान खरीद की रफ्तार धीमी:4 नए क्रय केंद्रों को मिली मंजूरी, अब कुल 36 केंद्र, 40 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य
बलरामपुर जिले में 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीद प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। अब तक केवल 31 किसानों से लगभग 176.60 मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई है, जबकि विभाग ने 40 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसानों को अभी तक उनके धान का भुगतान नहीं किया गया है। वर्तमान में जिले में 32 खरीद केंद्र सक्रिय हैं। किसानों की सुविधा के लिए चार और नए केंद्रों को खोलने की अनुमति मिल गई है, जिससे कुल केंद्रों की संख्या बढ़कर 36 हो जाएगी। इस वर्ष खरीद केंद्रों पर किसानों की पहचान आंखों की स्कैनिंग प्रणाली से की जा रही है। नई तकनीक के कारण केंद्र प्रभारियों को शुरुआत में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। बोरे की कमी के कारण कई केंद्रों पर मिलर्स से पुराने बोरों का उपयोग किया जा रहा है। मिलर्स द्वारा अभी तक जमानत राशि या एफडीआर जमा न करने के कारण केंद्रों से धान का उठान शुरू नहीं हो सका है। किसानों की मांग पर लिलवा, खरदौरी, मथुरा लालपुर और कौवापुर में अतिरिक्त खरीद केंद्र खोलने की तैयारी है। लिलवा केंद्र को स्थानीय विधायक की पहल पर मंजूरी मिली है। धान बिक्री के लिए किसानों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जिले की तीनों तहसीलों में अब तक 1568 किसानों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से केवल 537 का सत्यापन पूरा हुआ है। बलरामपुर तहसील में 467 में से 95, तुलसीपुर में 1055 में से 429 और उतरौला में 46 में से 13 किसानों का सत्यापन हुआ है। शेष किसानों के दस्तावेजों का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी निश्चल आनंद ने बताया कि बोरों की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है और जिन केंद्रों पर कमी है, वहां मिलर्स द्वारा बोरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के कारण फसल में नमी आने से फिलहाल आवक कम है, लेकिन स्थिति जल्द सामान्य होने की उम्मीद है।









































