श्रीदत्तगंज विकासखंड क्षेत्र में एक बार फिर पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी इन घटनाओं से अनभिज्ञ बने हुए हैं। पराली जलाने से उठने वाले धुएं के कारण क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार की शाम ही में उतरौला गोंडा मुख्य मार्ग पर किसानों ने धान की कटाई के बाद खेतों में पराली में आग लगा दी। इससे घना धुआं पूरे क्षेत्र में फैल गया। इस धुएं के कारण राहगीरों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पराली जलाने से वातावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। इसका सीधा असर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। लोगों ने प्रशासन पर इस गंभीर समस्या के प्रति बेपरवाह होने का आरोप लगाया है। इस संबंध में, एडीओ (कृषि) सुशील पटेल ने बताया कि उन्हें क्षेत्र में पराली जलाने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा किसानों को पराली न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस पर सख्ती नहीं बरती गई, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
बलरामपुर में पराली जलाने का सिलसिला जारी:प्रदूषण बढ़ने से राहगीरों और बुजुर्गों को हो रही परेशानी
श्रीदत्तगंज विकासखंड क्षेत्र में एक बार फिर पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी इन घटनाओं से अनभिज्ञ बने हुए हैं। पराली जलाने से उठने वाले धुएं के कारण क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार की शाम ही में उतरौला गोंडा मुख्य मार्ग पर किसानों ने धान की कटाई के बाद खेतों में पराली में आग लगा दी। इससे घना धुआं पूरे क्षेत्र में फैल गया। इस धुएं के कारण राहगीरों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पराली जलाने से वातावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। इसका सीधा असर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। लोगों ने प्रशासन पर इस गंभीर समस्या के प्रति बेपरवाह होने का आरोप लगाया है। इस संबंध में, एडीओ (कृषि) सुशील पटेल ने बताया कि उन्हें क्षेत्र में पराली जलाने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा किसानों को पराली न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस पर सख्ती नहीं बरती गई, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।









































