डॉ. गोविंद मौर्य ने राम कथा में दिया संदेश:सिद्धार्थनगर में बोले- भगवान राम के चरित्र को जीवन में उतारें

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सिद्धार्थनगर के खुनियाँव क्षेत्र में बेलवा चौराहे पर चल रही नौ दिवसीय राम कथा के पांचवें दिन डॉ. गोविंद मौर्य प्रेम जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम के चरित्र को जीवन में उतारने से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव और वार्ड नं. 23 से भावी जिला पंचायत प्रत्याशी डॉ. मौर्य ने सर्वप्रथम संगीत वाद्य कलाकारों को अंग वस्त्र और द्रव दक्षिणा देकर सम्मानित किया। उन्होंने माता सीता हरण कांड का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत में महिलाओं पर हो रही घटनाओं को देखकर रामचरितमानस की वह घटना याद आती है, जब माता सीता की इज्जत बचाने के लिए जटायु नामक गिद्ध ने अपनी जान दे दी थी। डॉ. मौर्य ने आज के जातिवाद और छुआछूत की भावना पर प्रहार करते हुए कहा कि भगवान राम जब वन को जाते हैं और निषाद राज उन्हें घाट पार कराते हैं, तो राम निषाद राज को गले लगाकर समाज को यह संदेश देते हैं कि सभी मनुष्य समान हैं। अयोध्या धाम से पधारे पूज्य संत बाबा बलराम दास जी महाराज ने राम विवाह की झांकी को वैवाहिक गीतों से सजाया। संगीतकार डॉ. अवधेश चौधरी ने भी अपनी प्रस्तुति से समां बांधा। कार्यक्रम का संचालन अखिलेश मौर्य ने किया, जिन्होंने विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया। इस अवसर पर कृष्ण कुमार यादव, सोनू जायसवाल, जनार्दन जायसवाल, दुर्गेश यादव, भोला यादव, संजय राय, प्रतीक राय शर्मा, अशोक मौर्य सहित कई क्षेत्रीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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