उत्तर प्रदेश के नानपारा बंजारा टाडा क्षेत्र में किसानों ने सरकारी डीएपी (DAP) उर्वरक की कालाबाजारी का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि उन्हें निर्धारित सरकारी मूल्य से अधिक दाम पर खाद खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। किसानों के अनुसार, डीएपी 123246 उर्वरक का सरकारी निर्धारित मूल्य 1360 रुपये प्रति बोरी है, लेकिन स्थानीय विक्रेता उन्हें 1500 रुपये में बेच रहे हैं। इस प्रकार, प्रति बोरी 140 रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं। किसानों ने यह भी बताया कि खाद खरीदने के लिए उन्हें घंटों लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। इसके बावजूद उन्हें न केवल अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं, बल्कि समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस संबंध में, जब किसानों ने उप जिलाधिकारी (SDM) से शिकायत की, तो उन्हें विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई। किसानों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि सरकारी निर्धारित मूल्य पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और खाद वितरण केंद्रों पर नियमित निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी अपील की है।
नानपारा में किसानों को सरकारी DAP उर्वरक महंगा मिल रहा: घंटों लाइन में खड़े रहते हैं किसान, जांच जारी – Banjariya(Nanpara) News
उत्तर प्रदेश के नानपारा बंजारा टाडा क्षेत्र में किसानों ने सरकारी डीएपी (DAP) उर्वरक की कालाबाजारी का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि उन्हें निर्धारित सरकारी मूल्य से अधिक दाम पर खाद खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। किसानों के अनुसार, डीएपी 123246 उर्वरक का सरकारी निर्धारित मूल्य 1360 रुपये प्रति बोरी है, लेकिन स्थानीय विक्रेता उन्हें 1500 रुपये में बेच रहे हैं। इस प्रकार, प्रति बोरी 140 रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं। किसानों ने यह भी बताया कि खाद खरीदने के लिए उन्हें घंटों लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। इसके बावजूद उन्हें न केवल अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं, बल्कि समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस संबंध में, जब किसानों ने उप जिलाधिकारी (SDM) से शिकायत की, तो उन्हें विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई। किसानों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि सरकारी निर्धारित मूल्य पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और खाद वितरण केंद्रों पर नियमित निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी अपील की है।









































