बस्ती, नई बाजार स्थित आर्य समाज का 52वां वार्षिकोत्सव सोमवार को जनता दर्शन और आर्य वीर दल के प्रभावी शौर्य प्रदर्शन के साथ धूमधाम से शुरू हुआ। ध्वजारोहण करते हुए आचार्य शिवकुमार ने कहा कि ओम ध्वज किसी मत-पंथ का नहीं, बल्कि पूरे आर्यावर्त का सामूहिक ध्वज है। उन्होंने इसे सार्वभौमिक, सार्वजनिक और सर्वकालिक बताया, जिसे प्रत्येक नागरिक सम्मानपूर्वक धारण कर सकता है। वाराणसी से पधारे आचार्य शैलेन्द्र ने यज्ञ संचालन करते हुए कहा कि यज्ञ पर्यावरण और विचारों दोनों को शुद्ध करने का माध्यम है। उन्होंने वैदिक संस्कृति को अनुपम धरोहर बताते हुए कहा कि यह समूचे विश्व को एक सूत्र में बांध सकती है। ध्वजारोहण के बाद एक विशाल शोभायात्रा पुरानी बस्ती क्षेत्र के मुख्य मार्गों से होकर निकली। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर राजेन्द्र जायसवाल, राम अग्रवाल, दिलीप कसौधन, रामकृष्ण जायसवाल, ओंकार आर्य, आनंद स्वरूप आर्य सहित कई लोगों ने पुष्पवर्षा और जलपान कराकर यात्रियों का स्वागत किया। पं. राम मगन और पं. राजेश पंछी चार दिवसीय महोत्सव का संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे थे। शोभायात्रा में गोरखपुर, चौरीचौरा, लालगंज, महादेवा, महाराजगंज, खलीलाबाद सहित अनेक क्षेत्रों के आर्य समाजजनों के साथ पतंजलि योग समिति, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू युवा वाहिनी, भारत विकास परिषद समेत कई संगठनों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, महिलाएं तथा युवा उपस्थित रहे। आर्य वीर दल दिल्ली के प्रशिक्षक दिनेश आर्य और प्रांतीय संचालक दिनेश कुमार के नेतृत्व में आर्य वीरों व वीरांगनाओं ने लाठी, जूडो, नानचक्र, स्तूप, गोला सहित विभिन्न रक्षात्मक कलाओं का आकर्षक प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन से लोगों में वैदिक धर्म के प्रति गहरी आस्था जागी। ‘वेद की ज्योति जलती रहेगी’, ‘ओम का झंडा ऊँचा रहेगा’, ‘भारत माता की जय’ जैसे नारों से वातावरण लगातार गूंजता रहा। कार्यक्रम प्रधान ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वासों और पाखंडों को दूर कर शुचिता, भाईचारा, समरसता और राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करना है। उन्होंने जनता से आयोजन में उपस्थित विद्वानों के विचार सुनकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करने की अपील की।









































