बहराइच में फसल अवशेष प्रबंधन पर कृषक संगोष्ठी: विशेषज्ञों ने किसानों की समस्याएं सुनीं, आधुनिक यंत्रों की जानकारी दी – Shivpur(Bahraich) News

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बहराइच जिले के शिवपुर ब्लॉक स्थित चंदेला कला गांव में कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा ने एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया। यह संगोष्ठी इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के तहत ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का हिस्सा थी, जिसमें किसानों को फसल अवशेषों के वैज्ञानिक प्रबंधन की जानकारी दी गई। इस अवसर पर वैज्ञानिक पी. के. सिंह ने किसानों को बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है और पर्यावरण पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने हैप्पी सीडर, रोटावेटर और सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग पर जोर दिया। इन यंत्रों की मदद से बिना पराली जलाए खेतों की जुताई और बुवाई संभव है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने से बचें और इसके बजाय इसे खेत में मिलाकर जैविक खाद के रूप में उपयोग करें। ऐसा करने से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि खेती की लागत में भी कमी आएगी। संगोष्ठी के दौरान किसानों ने अपनी कृषि संबंधी विभिन्न समस्याएं विशेषज्ञों के सामने रखीं, जिनके समाधान भी उन्हें मौके पर ही प्राप्त हुए। वैज्ञानिक सुनील कुमार ने किसानों को सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं और उन पर मिलने वाले अनुदानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी, ताकि वे इनका लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकें। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में राम पलटन तिवारी, अमित शर्मा, कृष्ण गोपाल पांडेय, विजय शर्मा, रमेश कुमार पांडेय और मगन बिहारी शामिल थे।
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