डेवलपमेंटल एसोसियेशन फॉर ह्यूमन एडवांसमेंट (देहात) ने ग्रामीण समाज में लिंग समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गिरिजापुरी स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय में किसानों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण आयोजित किया। यह प्रशिक्षण 8 और 9 दिसंबर को संपन्न हुआ, जिसमें कारीकोट, चहलवा, फ़क़ीरपूरी, विशुनापुर और बाजपुर बनकटी पंचायतों के 80 महिला-पुरुष किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण की शुरुआत पंजीकरण और परिचय सत्र से हुई। मंजू आर्य और अशोक कुमार ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण की रूपरेखा साझा की। मुख्य संदर्भ व्यक्ति श्वेता ने ‘सेक्स’ और ‘जेंडर’ के मूलभूत अंतर, ग्रामीण परिवेश में महिलाओं की भूमिकाओं तथा सामाजिक रूढ़ियों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रतिभागियों ने समूह गतिविधियों के माध्यम से इन विषयों को समझने का प्रयास किया। सत्र के दौरान शिक्षा, खेती, मजदूरी, संपत्ति अधिकार और निर्णय प्रक्रिया में मौजूद असमानताओं पर विशेष चर्चा की गई। श्वेता और मंजू आर्य द्वारा संचालित इस सत्र में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। देहात संगठन के गीता प्रसाद और अमर दीप ने खेती-किसानी में महिलाओं की भागीदारी, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनके महत्वपूर्ण योगदान पर तथ्यात्मक प्रस्तुति दी। भूमिका-अभिनय के माध्यम से लिंग आधारित भेदभाव की वास्तविक स्थितियों को भी दर्शाया गया, जिसकी उपस्थित लोगों ने सराहना की। प्रशिक्षण में सरकारी योजनाओं, महिला किसानों के अधिकारों और उपलब्ध संसाधनों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। अशोक कुमार और गीता प्रसाद ने सफल महिला किसान समूहों की प्रेरक कहानियाँ वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम के अंतिम चरण में, प्रतिभागियों ने अपने गांवों में लिंग आधारित भेदभाव को कम करने और समानता को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजनाएँ तैयार कीं। समापन सत्र में राम नारायण कुमार और इलियास अंसारी ने दो दिनों की गतिविधियों की समीक्षा की। इसके बाद, श्वेता, मंजुलिका मौर्य और समां कौसर ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित कर कार्यक्रम का समापन किया। प्रतिभागियों ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उनकी समझ बढ़ी है और वे अपने समुदाय में समानता व जागरूकता के लिए कार्य करेंगे।
देहात संगठन ने किसानों को लिंग समानता पर प्रशिक्षित किया: गिरिजापुरी में दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण संपन्न – Mihinpurwa(Bahraich) News
डेवलपमेंटल एसोसियेशन फॉर ह्यूमन एडवांसमेंट (देहात) ने ग्रामीण समाज में लिंग समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गिरिजापुरी स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय में किसानों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण आयोजित किया। यह प्रशिक्षण 8 और 9 दिसंबर को संपन्न हुआ, जिसमें कारीकोट, चहलवा, फ़क़ीरपूरी, विशुनापुर और बाजपुर बनकटी पंचायतों के 80 महिला-पुरुष किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण की शुरुआत पंजीकरण और परिचय सत्र से हुई। मंजू आर्य और अशोक कुमार ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण की रूपरेखा साझा की। मुख्य संदर्भ व्यक्ति श्वेता ने ‘सेक्स’ और ‘जेंडर’ के मूलभूत अंतर, ग्रामीण परिवेश में महिलाओं की भूमिकाओं तथा सामाजिक रूढ़ियों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रतिभागियों ने समूह गतिविधियों के माध्यम से इन विषयों को समझने का प्रयास किया। सत्र के दौरान शिक्षा, खेती, मजदूरी, संपत्ति अधिकार और निर्णय प्रक्रिया में मौजूद असमानताओं पर विशेष चर्चा की गई। श्वेता और मंजू आर्य द्वारा संचालित इस सत्र में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। देहात संगठन के गीता प्रसाद और अमर दीप ने खेती-किसानी में महिलाओं की भागीदारी, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनके महत्वपूर्ण योगदान पर तथ्यात्मक प्रस्तुति दी। भूमिका-अभिनय के माध्यम से लिंग आधारित भेदभाव की वास्तविक स्थितियों को भी दर्शाया गया, जिसकी उपस्थित लोगों ने सराहना की। प्रशिक्षण में सरकारी योजनाओं, महिला किसानों के अधिकारों और उपलब्ध संसाधनों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। अशोक कुमार और गीता प्रसाद ने सफल महिला किसान समूहों की प्रेरक कहानियाँ वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम के अंतिम चरण में, प्रतिभागियों ने अपने गांवों में लिंग आधारित भेदभाव को कम करने और समानता को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजनाएँ तैयार कीं। समापन सत्र में राम नारायण कुमार और इलियास अंसारी ने दो दिनों की गतिविधियों की समीक्षा की। इसके बाद, श्वेता, मंजुलिका मौर्य और समां कौसर ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित कर कार्यक्रम का समापन किया। प्रतिभागियों ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उनकी समझ बढ़ी है और वे अपने समुदाय में समानता व जागरूकता के लिए कार्य करेंगे।









































