पूस का महीना शुरू होते ही मौसम ने करवट बदली है। बुधवार को कस्बा और आसपास का पूरा इलाका घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह 8:45 बजे तक शहर में घना कोहरा छाया रहा। सड़कों पर वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए, जिससे यातायात धीमा पड़ गया। दृश्यता इतनी कम थी कि दो मीटर आगे भी साफ नहीं दिख रहा था। नानपारा रूपईडीहा मार्ग पर दो शैक्षणिक संस्थान होने के कारण स्कूली बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हुई। वे ठिठुरते हुए स्कूल जाते दिखे। दिसंबर का महीना शुरू होने के बावजूद अब तक ठंड ने अपना असर नहीं दिखाया था। सुबह धूप खिल जाती थी और गर्मी का एहसास होता था, जिससे लोग आने वाले समय में अधिक गर्मी और कृषि पर असर की आशंका जता रहे थे। हालांकि, मौसम में इस बदलाव के संकेत दो दिन पहले से ही मिलने लगे थे। मंगलवार को धूप तो निकली, लेकिन उसमें पहले जैसी गर्मी महसूस नहीं हुई थी। फिलहाल दिसंबर में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू किया है। आशंका है कि आने वाले जनवरी-फरवरी में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की चादर पूरे क्षेत्र को ढके रहेगी।
कस्बा घने कोहरे की चादर में लिपटा: वाहन रेंगते दिखे, स्कूली बच्चों को हुई परेशानी – Nanpara Dehati(Nanpara) News
पूस का महीना शुरू होते ही मौसम ने करवट बदली है। बुधवार को कस्बा और आसपास का पूरा इलाका घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह 8:45 बजे तक शहर में घना कोहरा छाया रहा। सड़कों पर वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए, जिससे यातायात धीमा पड़ गया। दृश्यता इतनी कम थी कि दो मीटर आगे भी साफ नहीं दिख रहा था। नानपारा रूपईडीहा मार्ग पर दो शैक्षणिक संस्थान होने के कारण स्कूली बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हुई। वे ठिठुरते हुए स्कूल जाते दिखे। दिसंबर का महीना शुरू होने के बावजूद अब तक ठंड ने अपना असर नहीं दिखाया था। सुबह धूप खिल जाती थी और गर्मी का एहसास होता था, जिससे लोग आने वाले समय में अधिक गर्मी और कृषि पर असर की आशंका जता रहे थे। हालांकि, मौसम में इस बदलाव के संकेत दो दिन पहले से ही मिलने लगे थे। मंगलवार को धूप तो निकली, लेकिन उसमें पहले जैसी गर्मी महसूस नहीं हुई थी। फिलहाल दिसंबर में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू किया है। आशंका है कि आने वाले जनवरी-फरवरी में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की चादर पूरे क्षेत्र को ढके रहेगी।









































