नगर पंचायत भारत भारी क्षेत्र में इन दिनों शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से सुबह और शाम के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे ठंड और अधिक बढ़ गई है। गलन के कारण आम लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सुबह जल्दी काम पर निकलने वाले मजदूर, रिक्शा चालक, रेहड़ी-पटरी वाले और अन्य दैनिक कार्यों में जुटे लोगों को कड़ाके की ठंड से जूझना पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड के बावजूद नगर पंचायत प्रशासन ने अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की है। इससे स्थानीय नागरिकों में भारी नाराजगी है। बाजार, चौराहा और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अलाव न होने से लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। ठंड के कारण रात में सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है, क्योंकि लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी ठंड ने समय से पहले दस्तक दी है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। नागरिकों ने प्रशासन से जल्द से जल्द अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि आमजन को शीतलहर से राहत मिल सके। राम गोपाल, सहज राम, बिस्मिल्लाह और मोहम्मद शमी सहित कई स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजार और प्रमुख चौराहों पर अलाव न होने से गरीब और असहाय वर्ग सबसे अधिक प्रभावित है। मजदूरी कर घर लौटने वाले लोगों को रात में गलन और ठंड का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अलाव ही उनके लिए राहत का एकमात्र साधन होता है। नागरिकों ने प्रशासन से अलाव की व्यवस्था के साथ-साथ रात में गश्त बढ़ाने और बेघर व जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की भी मांग की है। उन्हें उम्मीद है कि नगर पंचायत जल्द ही स्थिति की गंभीरता को समझेगी और आवश्यक कदम उठाकर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी, जिससे शीतलहर से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सके। ईओ राजन गुप्ता ने बताया कि नगर पंचायत प्रशासन अलाव की व्यवस्था में जुटा हुआ है।
शीतलहर का प्रकोप बढ़ा, नागरिकों ने की अलाव की मांग:अलाव न जलने से नगर पंचायत के लोग परेशान, प्रशासन से व्यवस्था की मांग
नगर पंचायत भारत भारी क्षेत्र में इन दिनों शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से सुबह और शाम के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे ठंड और अधिक बढ़ गई है। गलन के कारण आम लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सुबह जल्दी काम पर निकलने वाले मजदूर, रिक्शा चालक, रेहड़ी-पटरी वाले और अन्य दैनिक कार्यों में जुटे लोगों को कड़ाके की ठंड से जूझना पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड के बावजूद नगर पंचायत प्रशासन ने अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की है। इससे स्थानीय नागरिकों में भारी नाराजगी है। बाजार, चौराहा और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अलाव न होने से लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। ठंड के कारण रात में सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है, क्योंकि लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी ठंड ने समय से पहले दस्तक दी है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। नागरिकों ने प्रशासन से जल्द से जल्द अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि आमजन को शीतलहर से राहत मिल सके। राम गोपाल, सहज राम, बिस्मिल्लाह और मोहम्मद शमी सहित कई स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजार और प्रमुख चौराहों पर अलाव न होने से गरीब और असहाय वर्ग सबसे अधिक प्रभावित है। मजदूरी कर घर लौटने वाले लोगों को रात में गलन और ठंड का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अलाव ही उनके लिए राहत का एकमात्र साधन होता है। नागरिकों ने प्रशासन से अलाव की व्यवस्था के साथ-साथ रात में गश्त बढ़ाने और बेघर व जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की भी मांग की है। उन्हें उम्मीद है कि नगर पंचायत जल्द ही स्थिति की गंभीरता को समझेगी और आवश्यक कदम उठाकर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी, जिससे शीतलहर से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सके। ईओ राजन गुप्ता ने बताया कि नगर पंचायत प्रशासन अलाव की व्यवस्था में जुटा हुआ है।









































