उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम पंचायत अधिकारियों और ग्राम विकास अधिकारियों पर 1 दिसंबर 2025 से फेशियल रिकॉग्निशन आधारित ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने के फैसले का प्रदेशव्यापी विरोध हो रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि इसके लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने इस निर्णय की समीक्षा और स्थगन की मांग की है। कर्मचारी संगठनों के अनुसार, ग्राम सचिवों पर उनके मूल विभागीय कार्यों के अलावा अन्य विभागों के कार्यों का भी लगातार दबाव है। उनका मानना है कि यह स्थिति अमानवीय और अव्यावहारिक है, जो उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर रही है। सचिवों को क्षेत्र में आवागमन के लिए केवल 200 रुपये मासिक साइकिल भत्ता मिलता है। कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, विस्तृत कार्यक्षेत्र और बढ़ते कार्यभार को देखते हुए यह भत्ता पूरी तरह अपर्याप्त है। इसी कड़ी में, ग्राम विकास अधिकारी–ग्राम पंचायत अधिकारी समन्वय समिति के आह्वान पर विकास खंड गौर के सचिवों ने आज सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने साइकिल से ही विभागीय कार्य करने का निर्णय लिया, ताकि सरकार का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित किया जा सके। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस निर्णय पर जल्द पुनर्विचार नहीं किया गया और आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।









































