बलरामपुर में 10 नेत्र परीक्षण अधिकारियों का वेतन रोका:सीएमओ ने समीक्षा बैठक में अनुपस्थिति पर की कार्रवाई

1
Advertisement

बलरामपुर, 10 दिसंबर 2025: मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी की अध्यक्षता में बुधवार को राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान 10 नेत्र परीक्षण अधिकारी बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए, जिस पर सीएमओ ने उनका एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया। सीएमओ कार्यालय कक्ष में आयोजित इस बैठक में जिलेभर में चल रहे नेत्र परीक्षण, बच्चों की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग, रेफरल सेवाओं और अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई। डॉ. रस्तोगी ने सभी चिकित्सा इकाइयों से प्राप्त रिपोर्टों का अवलोकन करते हुए उपलब्धियों और कमियों पर चर्चा की। समीक्षा के दौरान जब यह सामने आया कि 10 नेत्र परीक्षण अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के बैठक से नदारद थे, तो सीएमओ ने इस पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने तत्काल प्रभाव से सभी अनुपस्थित अधिकारियों का उस दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया। सीएमओ ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम दोनों ही अत्यंत संवेदनशील और जनहित से जुड़े अभियान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में अधिकारियों की किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। डॉ. रस्तोगी ने चेतावनी दी कि भविष्य में भी अनुशासनहीनता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. रस्तोगी ने उपस्थित सभी नेत्र परीक्षण अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य प्रगति सुनिश्चित करें। उन्होंने स्क्रीनिंग, रिपोर्टिंग, फॉलो-अप और सर्जरी रेफरल की प्रक्रियाओं में तेजी लाने पर जोर दिया। जिन क्षेत्रों में कार्यक्रम की उपलब्धि कम है, वहां विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक लाभार्थियों को जोड़ने का निर्देश दिया गया। स्कूलों में स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण गतिविधियों को समय पर पूरा करने के लिए भी कहा गया। सीएमओ ने बताया कि मोतियाबिंद, दृष्टिदोष, जन्मजात नेत्र रोग और बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े कई गंभीर मुद्दे समय पर परीक्षण और उपचार से रोके जा सकते हैं। इसलिए इन अभियानों की प्रगति पर निरंतर निगरानी आवश्यक है। बैठक में जिले की सभी ब्लॉक चिकित्सा इकाइयों से नेत्र परीक्षण अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ. रस्तोगी ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लाभार्थियों तक अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करें, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इन महत्वपूर्ण सेवाओं से वंचित न रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन अभियानों की सफलता तभी संभव है जब प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाए।
यहां भी पढ़े:  इकौना में नया दुग्ध उत्पादन केंद्र खुला:किसानों को बेहतर दाम, नियमित खरीद और रोजगार मिलेगा
Advertisement