डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि यदि यूरिया दुकानों पर उपलब्ध भी होती है, तो दुकानदार मनमाने दामों पर बेचते हैं। गेहूं की सिंचाई का समय होने के कारण खाद की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन उपलब्धता कम होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। औराताल, बनगाई, सुकरौली, मोहखवा, कुशहटा और भलुआही जैसे कई गांवों में यूरिया की कमी महसूस की जा रही है। किसान इन दिनों गेहूं की सिंचाई कर रहे हैं, जिसके तुरंत बाद उन्हें खाद की जरूरत पड़ेगी। पर्याप्त यूरिया न मिलने से फसल पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। मलंग चौराहा कैथ वलिया स्थित मौर्य खाद भंडार पर बुधवार शाम 200 बोरी यूरिया आई थी। हालांकि, यूरिया लेने वाले किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि यह स्टॉक मात्र दो घंटे में ही खत्म हो गया। कई किसान बिना खाद लिए ही मायूस होकर लौट गए। किसान रामखेलावन, अवधेश, रमई और रिंकू सिंह ने बताया कि यूरिया आई तो थी, लेकिन उन्हें नहीं मिल पाई। उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि खाद के बिना गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। इस संबंध में नायब तहसीलदार विष्णु प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यूरिया की कमी नहीं होने दी जाएगी और सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिलती रहेगी।
डुमरियागंज में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान:दुकानदार मनमाने दाम पर बेच रहे, आपूर्ति कम होने से संकट
डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि यदि यूरिया दुकानों पर उपलब्ध भी होती है, तो दुकानदार मनमाने दामों पर बेचते हैं। गेहूं की सिंचाई का समय होने के कारण खाद की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन उपलब्धता कम होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। औराताल, बनगाई, सुकरौली, मोहखवा, कुशहटा और भलुआही जैसे कई गांवों में यूरिया की कमी महसूस की जा रही है। किसान इन दिनों गेहूं की सिंचाई कर रहे हैं, जिसके तुरंत बाद उन्हें खाद की जरूरत पड़ेगी। पर्याप्त यूरिया न मिलने से फसल पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। मलंग चौराहा कैथ वलिया स्थित मौर्य खाद भंडार पर बुधवार शाम 200 बोरी यूरिया आई थी। हालांकि, यूरिया लेने वाले किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि यह स्टॉक मात्र दो घंटे में ही खत्म हो गया। कई किसान बिना खाद लिए ही मायूस होकर लौट गए। किसान रामखेलावन, अवधेश, रमई और रिंकू सिंह ने बताया कि यूरिया आई तो थी, लेकिन उन्हें नहीं मिल पाई। उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि खाद के बिना गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। इस संबंध में नायब तहसीलदार विष्णु प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यूरिया की कमी नहीं होने दी जाएगी और सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिलती रहेगी।









































