नशे के खिलाफ विधिक सेवा प्राधिकरण का जागरूकता अभियान:डुमरियागंज तहसील सभागार में हुई गोष्ठी, नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी

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डुमरियागंज में नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के दुरुपयोग के प्रति समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से विधिक सेवा प्राधिकरण ने एक अभियान चलाया। इसी क्रम में गुरुवार को तहसील सभागार में एक महत्वपूर्ण जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का मुख्य विषय ‘नशीली दवाओं, धूम्रपान और शराब की लत से उन्मूलन की संवेदनशीलता’ रहा। तहसीलदार रवि कुमार ने इस जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि लेखपाल संघ के मंत्री देवेंद्र कुमार राठौर ने इसका संचालन किया। संचालन करते हुए देवेंद्र कुमार राठौर ने मादक द्रव्य निषेध अधिनियम और शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किसी भी विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में नशीले पदार्थों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है। राठौर ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक और सचेत करना सभी नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी है। बैठक में उपस्थित अधिवक्ता इंद्रमणि पाण्डेय, देवेंद्र पाठक और शैलेंद्र रावत ने नशे की अवधारणा, उसके भयानक दुष्प्रभावों और नशे की लत के उन्मूलन पर अपने विचार साझा किए। सभी वक्ताओं ने वर्तमान समय में नवयुवकों में तेजी से बढ़ती नशे की लत पर गहरी चिंता व्यक्त की। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि इस शिविर का मूल उद्देश्य समाज को नशे की गिरफ्त से मुक्त करके एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना है। उन्होंने शराब, ड्रग्स, तंबाकू, गांजा, अफीम और नशे वाली गोलियों के दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। उनका कहना था कि नशा न केवल व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट करता है, बल्कि यह परिवार, समाज और युवा पीढ़ी के भविष्य को भी गंभीर क्षति पहुँचाता है। इस गोष्ठी में अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव, कृष्ण मोहन श्रीवास्तव, सुभाष विश्वकर्मा, रजनीश पाण्डेय, पीएलवी अंकुर कुमार, स्वाती श्रीवास्तव, उदयभान, रघुबर प्रसाद, अजय पाठक, महेश चंद्र, राजेश सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
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