महाराजगंज जिले के फरेन्दा विकास खंड की ग्रामसभा भगवानपुर में मनरेगा सड़क निर्माण योजना में सरकारी धन के गबन का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार, सड़क निर्माण कार्य में केवल 30-35 श्रमिक कार्यरत हैं, जबकि मास्टर रोल में 70 से 100 श्रमिकों की हाजिरी दर्ज की जा रही है। यह अनियमितता पिछले नौ दिनों से जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक चलने वाले इस कार्य में वास्तविक श्रमिकों की संख्या काफी कम रहती है। कार्यस्थल पर महिलाएं मिट्टी भरने और समतल करने का काम करती दिखती हैं, जबकि पुरुष श्रमिक सुपरवाइजर के निर्देश पर औपचारिकता निभाते हैं। इसके बावजूद, हाजिरी दोगुना से तिगुना दर्ज की जा रही है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ हो रही हैं। वास्तविक श्रमिकों को उनकी पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है, जबकि कागजों में बाहरी लोगों के नाम भी दर्ज किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस कथित घोटाले में जूनियर इंजीनियर और ग्राम प्रधान के करीबी लोग शामिल हैं। मनरेगा के दिशानिर्देशों के अनुसार, मास्टर रोल में केवल वास्तविक श्रमिकों की हाजिरी दर्ज की जानी चाहिए, लेकिन इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। बीडीओ अतुल कुमार ने कहाँ कोई गड़बड़ी पाई जाएगी तो कार्यवाई होगी ।
मनरेगा सड़क पर 30-35 श्रमिक, हाजिरी 70 की दर्ज: भगवानपुर में सरकारी धन के गबन का आरोप, ग्रामीणों ने की शिकायत – Pharenda News
महाराजगंज जिले के फरेन्दा विकास खंड की ग्रामसभा भगवानपुर में मनरेगा सड़क निर्माण योजना में सरकारी धन के गबन का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार, सड़क निर्माण कार्य में केवल 30-35 श्रमिक कार्यरत हैं, जबकि मास्टर रोल में 70 से 100 श्रमिकों की हाजिरी दर्ज की जा रही है। यह अनियमितता पिछले नौ दिनों से जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक चलने वाले इस कार्य में वास्तविक श्रमिकों की संख्या काफी कम रहती है। कार्यस्थल पर महिलाएं मिट्टी भरने और समतल करने का काम करती दिखती हैं, जबकि पुरुष श्रमिक सुपरवाइजर के निर्देश पर औपचारिकता निभाते हैं। इसके बावजूद, हाजिरी दोगुना से तिगुना दर्ज की जा रही है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ हो रही हैं। वास्तविक श्रमिकों को उनकी पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है, जबकि कागजों में बाहरी लोगों के नाम भी दर्ज किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस कथित घोटाले में जूनियर इंजीनियर और ग्राम प्रधान के करीबी लोग शामिल हैं। मनरेगा के दिशानिर्देशों के अनुसार, मास्टर रोल में केवल वास्तविक श्रमिकों की हाजिरी दर्ज की जानी चाहिए, लेकिन इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। बीडीओ अतुल कुमार ने कहाँ कोई गड़बड़ी पाई जाएगी तो कार्यवाई होगी ।









































