भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र के 29 गांवों में शनिवार को छाया एकीकृत टीकाकरण सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान 437 बच्चों का टीकाकरण किया गया और 176 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच व टीकाकरण हुआ। यह शिविर भनवापुर क्षेत्र में आयोजित किया गया था। अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र मणि ओझा ने ग्राम भीटानानकार पहुंचकर टीकाकरण सत्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने ब्लॉक रिस्पांस टीम के साथ करीमुल्लाह के घर जाकर 14 माह की सईमा को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया और उसका टीकाकरण करवाया।डॉ. ओझा ने ग्रामीणों को बताया कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को गला घोटू, काली खांसी, टिटनेस, निमोनिया, डायरिया, दिमागी बुखार, खसरा, ट्यूबरक्यूलर, मिनिनजाइटिस, पोलियो और हेपेटाइटिस बी जैसी 12 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीकाकरण और उचित पोषण से शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।इसके बाद, अधीक्षक ने ग्राम बघमरवा का दौरा किया, जहां उन्होंने एएनएम फरहा अंमुज और आशा बहू लक्ष्मी के कार्यों का भौतिक सत्यापन किया। कार्य संतोषजनक पाए जाने पर उन्होंने दोनों की प्रशंसा की। बीएमसी सूर्यदेव सिंह और बीसीपीएम मेराज अहमद ने आशा बहुओं को नवजात शिशु व बच्चों के देखभाल कार्यक्रम के तहत नियमित गृह भ्रमण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम के लक्षण पाए जाने पर नवजात शिशुओं और बच्चों को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र संदर्भित किया जाए। एएनएम और आशा बहुओं को टीकाकरण सत्र से एक-दो दिन पहले ड्यू लिस्ट को अपडेट और वैलिडेट करने तथा लाभार्थियों को सत्र पर बुलाकर सेवाएं सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।इस दौरान सोनिया वर्मा, विट्टा देवी, रूपा, फैजल निशा, मुमताज आलम, साधना और उर्मिला सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
भनवापुर में 437 बच्चों का टीकाकरण:176 गर्भवती महिलाओं की जांच, 29 गांवों में शिविर
भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र के 29 गांवों में शनिवार को छाया एकीकृत टीकाकरण सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान 437 बच्चों का टीकाकरण किया गया और 176 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच व टीकाकरण हुआ। यह शिविर भनवापुर क्षेत्र में आयोजित किया गया था। अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र मणि ओझा ने ग्राम भीटानानकार पहुंचकर टीकाकरण सत्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने ब्लॉक रिस्पांस टीम के साथ करीमुल्लाह के घर जाकर 14 माह की सईमा को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया और उसका टीकाकरण करवाया।डॉ. ओझा ने ग्रामीणों को बताया कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को गला घोटू, काली खांसी, टिटनेस, निमोनिया, डायरिया, दिमागी बुखार, खसरा, ट्यूबरक्यूलर, मिनिनजाइटिस, पोलियो और हेपेटाइटिस बी जैसी 12 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीकाकरण और उचित पोषण से शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।इसके बाद, अधीक्षक ने ग्राम बघमरवा का दौरा किया, जहां उन्होंने एएनएम फरहा अंमुज और आशा बहू लक्ष्मी के कार्यों का भौतिक सत्यापन किया। कार्य संतोषजनक पाए जाने पर उन्होंने दोनों की प्रशंसा की। बीएमसी सूर्यदेव सिंह और बीसीपीएम मेराज अहमद ने आशा बहुओं को नवजात शिशु व बच्चों के देखभाल कार्यक्रम के तहत नियमित गृह भ्रमण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम के लक्षण पाए जाने पर नवजात शिशुओं और बच्चों को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र संदर्भित किया जाए। एएनएम और आशा बहुओं को टीकाकरण सत्र से एक-दो दिन पहले ड्यू लिस्ट को अपडेट और वैलिडेट करने तथा लाभार्थियों को सत्र पर बुलाकर सेवाएं सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।इस दौरान सोनिया वर्मा, विट्टा देवी, रूपा, फैजल निशा, मुमताज आलम, साधना और उर्मिला सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।









































