बलरामपुर के सादुल्लानगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का रविवार को स्टेट रिसोर्स मोबिलाइजेशन (एसआरएम) टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और भौतिक सुविधाओं का मूल्यांकन किया। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई, जिसके संबंध में शासन को सिफारिशें भेजी जाएंगी। निरीक्षण के दौरान टीम ने अस्पताल के बुनियादी ढांचे, साफ-सफाई, उपलब्ध उपकरणों और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक उपचार सेवाओं का बारीकी से जायजा लिया। टीम ने पाया कि प्राथमिक उपचार और अस्पताल प्रबंधन की कई बुनियादी व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी अभी भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति के कारण गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल या उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर करना पड़ता है, जिससे ग्रामीण मरीजों को असुविधा होती है। निरीक्षण के समय एसआरएम टीम में कौशाम्बी के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर अर्बन हेल्थ शिब्ली रजा और डिप्टी सीएमओ डॉ. अशोक मौर्या शामिल थे। शिब्ली रजा ने बताया कि प्राथमिक उपचार और अस्पताल प्रबंधन की कई बुनियादी व्यवस्थाएं पहले से बेहतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन का मूल्यांकन करना था। डॉ. अशोक मौर्या ने जोर दिया कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीएचसी स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण रिपोर्ट में बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की विशेष सिफारिश की जाएगी, जिससे ग्रामीण मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही विशेष चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
सादुल्लानगर सीएचसी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बड़ी कमी:एसआरएम टीम ने निरीक्षण कर शासन को भेजी सिफारिशें
बलरामपुर के सादुल्लानगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का रविवार को स्टेट रिसोर्स मोबिलाइजेशन (एसआरएम) टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और भौतिक सुविधाओं का मूल्यांकन किया। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई, जिसके संबंध में शासन को सिफारिशें भेजी जाएंगी। निरीक्षण के दौरान टीम ने अस्पताल के बुनियादी ढांचे, साफ-सफाई, उपलब्ध उपकरणों और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक उपचार सेवाओं का बारीकी से जायजा लिया। टीम ने पाया कि प्राथमिक उपचार और अस्पताल प्रबंधन की कई बुनियादी व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी अभी भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति के कारण गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल या उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर करना पड़ता है, जिससे ग्रामीण मरीजों को असुविधा होती है। निरीक्षण के समय एसआरएम टीम में कौशाम्बी के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर अर्बन हेल्थ शिब्ली रजा और डिप्टी सीएमओ डॉ. अशोक मौर्या शामिल थे। शिब्ली रजा ने बताया कि प्राथमिक उपचार और अस्पताल प्रबंधन की कई बुनियादी व्यवस्थाएं पहले से बेहतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन का मूल्यांकन करना था। डॉ. अशोक मौर्या ने जोर दिया कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीएचसी स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण रिपोर्ट में बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की विशेष सिफारिश की जाएगी, जिससे ग्रामीण मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही विशेष चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।









































