समाजसेवी मनोज कुमार ने रुधौली क्षेत्र में अपनों के बीच पहुँचकर सुख-दुख की घड़ियों में सहभागिता की। उन्होंने ने कहा कि जन-जन का दुख और सुख ही मेरा अपना है। आपके आँसू मेरी आँखों की नमी हैं और आपकी मुस्कान मेरे हृदय की ताक़त। जनता से यह आत्मिक रिश्ता ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी है, और इसी संबंध को निभाना ही मेरा कर्तव्य और संकल्प है।
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा जनता के सुख-दुख में उनके साथ खड़ी रहूंगा। उनकी परेशानियों को समझकर, उन्हें दूर करने का हर संभव प्रयास करूंगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, सफाई और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मैं हर वक्त तत्पर रहूंगा।


समाज सेवा में सक्रियता ने दी पहचान
रुधौली के एक व्यवसायी की समाजसेवा में सक्रियता से उनकी अलग पहचान बन गई है। दरअसल उनके पिता राजेन्द्र प्रसाद चौधरी ने उन्हे व्यवसाय के साथ समाजसेवा की भी प्रेरणा दी थी। पिताजी की इसी सीख की बदौलत व्यवसाय में अधिक अनुभव नहीं होने के बाद भी व्यवसायी मनोज कुमार चौधरी ने व्यवयास शुरू किया। आज उनका नाम प्रमुख समाजसेवियों में गिना जाता है।
समाजसेवा के क्षेत्र में इसी कमी को वे अपने स्तर पर पूरा करने का प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि समाजसेवा का काम बृहद स्तर पर करने के बजाए छोटे स्तर पर यदि जरूरतमंद की सेवा की जाए, तो उससे निश्चित ही संतुष्टि मिलती है।









































