बस्ती जिले की हर्रैया अस्पताल नगर पंचायत में स्थित 100 बेड का महिला अस्पताल डॉक्टरों की कमी और अव्यवस्था का सामना कर रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को इलाज के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। राज्य सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहे हैं। आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर भी अक्सर अनुपस्थित पाए जाते हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है। हाल ही में एक घटना सामने आई, जिसमें परशुरामपुर से 40 किलोमीटर दूर से आई एक गर्भवती महिला को इलाज के अभाव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण उसे काफी परेशानी हुई। करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित इस 100 बेड के महिला अस्पताल में अपेक्षित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। भारी-भरकम राशि खर्च होने के बावजूद, यह अस्पताल कथित तौर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का शिकार होता दिख रहा है। इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) राजीव निगम ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।









































