डुमरियागंज, बयारा। सरयू नहर विभाग द्वारा नहरों की सफाई पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर काम अधूरा रहता है। इसका खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जो आज भी नहरों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। सरयू नहर खंड प्रथम बांसी से निकली बढ़नी कठौतिया की बढ़या खरगौला नहर का भी यही हाल है। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद इसकी सफाई पूरी नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर चले जाते हैं। खरगौला निवासी विनोद शर्मा ने बताया कि उनके क्षेत्र में नहर की सफाई केवल नाममात्र की हुई है। नहर का अधिकांश हिस्सा अभी भी साफ नहीं किया गया है, जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। किसान इनायतुल्लाह खान ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उन्हें कभी नहर से सिंचाई का लाभ नहीं मिला। खेतों की सिंचाई के लिए उन्हें हजारों रुपये खर्च कर निजी बोरिंग का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस महंगाई में पानी चलाना बहुत मुश्किल हो गया है और उनके लिए नहरें केवल ‘हाथी के दांत’ साबित हुई हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा नहरों की सफाई का कार्य तभी शुरू कराया जाता है, जब उनमें पानी छोड़ने का समय आता है। बढ़या खरगौला नहर की सफाई के नाम पर हर साल लाखों रुपये निकाले जाते हैं, लेकिन धरातल पर सफाई लगभग शून्य रहती है। इस नहर में बहुत कम ही पानी छोड़ा जाता है, जिससे किसानों की उम्मीदें अधूरी रह जाती हैं। अधिकतर किसान महंगे निजी पंपों से सिंचाई करने को मजबूर हैं, जबकि कुछ किसान आज भी नहर में पानी आने की आस लगाए बैठे हैं। इस संबंध में उपखंड अधिकारी सौरभ यादव ने बताया कि सिल्ट सफाई का कार्य जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रबी सीजन में माइनरों के टेल तक पानी पहुंचाया जाएगा।
लाखों खर्च के बाद भी नहर की सफाई अधूरी:बयारा डुमरियागंज के किसान पानी का इंतजार कर रहे
डुमरियागंज, बयारा। सरयू नहर विभाग द्वारा नहरों की सफाई पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर काम अधूरा रहता है। इसका खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जो आज भी नहरों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। सरयू नहर खंड प्रथम बांसी से निकली बढ़नी कठौतिया की बढ़या खरगौला नहर का भी यही हाल है। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद इसकी सफाई पूरी नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर चले जाते हैं। खरगौला निवासी विनोद शर्मा ने बताया कि उनके क्षेत्र में नहर की सफाई केवल नाममात्र की हुई है। नहर का अधिकांश हिस्सा अभी भी साफ नहीं किया गया है, जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। किसान इनायतुल्लाह खान ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उन्हें कभी नहर से सिंचाई का लाभ नहीं मिला। खेतों की सिंचाई के लिए उन्हें हजारों रुपये खर्च कर निजी बोरिंग का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस महंगाई में पानी चलाना बहुत मुश्किल हो गया है और उनके लिए नहरें केवल ‘हाथी के दांत’ साबित हुई हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा नहरों की सफाई का कार्य तभी शुरू कराया जाता है, जब उनमें पानी छोड़ने का समय आता है। बढ़या खरगौला नहर की सफाई के नाम पर हर साल लाखों रुपये निकाले जाते हैं, लेकिन धरातल पर सफाई लगभग शून्य रहती है। इस नहर में बहुत कम ही पानी छोड़ा जाता है, जिससे किसानों की उम्मीदें अधूरी रह जाती हैं। अधिकतर किसान महंगे निजी पंपों से सिंचाई करने को मजबूर हैं, जबकि कुछ किसान आज भी नहर में पानी आने की आस लगाए बैठे हैं। इस संबंध में उपखंड अधिकारी सौरभ यादव ने बताया कि सिल्ट सफाई का कार्य जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रबी सीजन में माइनरों के टेल तक पानी पहुंचाया जाएगा।









































