शोहरतगढ़ के चिल्हिया थानाक्षेत्र के ग्राम जीतपुर में रविवार को एक बहू-बेटी सम्मेलन का आयोजन किया गया। पुलिस क्षेत्राधिकारी मयंक द्विवेदी ने मिशन शक्ति टीम के साथ मिलकर इस सम्मेलन का नेतृत्व किया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जागरूक करना था, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं और किशोरियां शामिल हुईं। सीओ द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने में जागरूकता सबसे प्रभावी हथियार है। उन्होंने दहेज उत्पीड़न, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा और पॉक्सो एक्ट जैसे मामलों में पीड़ितों के अधिकारों और पुलिस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने प्रतिभागियों को किसी भी घटना या संदिग्ध स्थिति में तत्काल मदद लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी सभी महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई, ताकि महिलाएं जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें। सम्मेलन में मिशन शक्ति केंद्र की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। सीओ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र सक्रिय हैं, जहाँ महिलाएं अपनी शिकायतें लिखित या मौखिक रूप से दर्ज करा सकती हैं। इस दौरान महिलाओं की काउंसलिंग भी की गई और घर-घर जागरूकता बढ़ाने के लिए मिशन शक्ति 5.0 के स्टिकर लगाए गए। पुलिस टीम ने 1090 वुमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस सेवा, 1098 चाइल्ड केयर, 108 एंबुलेंस, 101 अग्निशमन, 14567 एल्डर हेल्पलाइन और 1930 साइबर हेल्पलाइन के सही उपयोग के बारे में बताया। अधिकारियों ने नए कानूनों और हाल ही में बदले प्रावधानों पर भी सरल भाषा में चर्चा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक महिला को अपने अधिकार जानने चाहिए, बिना डर अपनी बात रखनी चाहिए और किसी भी परिस्थिति में मदद लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।
महिलाओं को सुरक्षा, हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी गई:शोहरतगढ़ के जीतपुर में बहू-बेटी सम्मेलन का कार्यक्रम
शोहरतगढ़ के चिल्हिया थानाक्षेत्र के ग्राम जीतपुर में रविवार को एक बहू-बेटी सम्मेलन का आयोजन किया गया। पुलिस क्षेत्राधिकारी मयंक द्विवेदी ने मिशन शक्ति टीम के साथ मिलकर इस सम्मेलन का नेतृत्व किया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जागरूक करना था, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं और किशोरियां शामिल हुईं। सीओ द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने में जागरूकता सबसे प्रभावी हथियार है। उन्होंने दहेज उत्पीड़न, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा और पॉक्सो एक्ट जैसे मामलों में पीड़ितों के अधिकारों और पुलिस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने प्रतिभागियों को किसी भी घटना या संदिग्ध स्थिति में तत्काल मदद लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी सभी महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई, ताकि महिलाएं जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें। सम्मेलन में मिशन शक्ति केंद्र की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। सीओ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र सक्रिय हैं, जहाँ महिलाएं अपनी शिकायतें लिखित या मौखिक रूप से दर्ज करा सकती हैं। इस दौरान महिलाओं की काउंसलिंग भी की गई और घर-घर जागरूकता बढ़ाने के लिए मिशन शक्ति 5.0 के स्टिकर लगाए गए। पुलिस टीम ने 1090 वुमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस सेवा, 1098 चाइल्ड केयर, 108 एंबुलेंस, 101 अग्निशमन, 14567 एल्डर हेल्पलाइन और 1930 साइबर हेल्पलाइन के सही उपयोग के बारे में बताया। अधिकारियों ने नए कानूनों और हाल ही में बदले प्रावधानों पर भी सरल भाषा में चर्चा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक महिला को अपने अधिकार जानने चाहिए, बिना डर अपनी बात रखनी चाहिए और किसी भी परिस्थिति में मदद लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।













