त्रिलोकपुर पुलिस ने मिशन शक्ति अभियान के तहत मानवीय संवेदनाओं की मिसाल पेश की है। पुलिस ने छह माह से विवाद के कारण अलग रह रहे एक पति-पत्नी को आपसी सहमति से मिलाया और उन्हें खुशी-खुशी घर विदा किया। इस पुनर्मिलन में थाने की महिला कांस्टेबलों की काउंसलिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह मामला त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव का है। यहां की निवासी प्रमिला का अपने पति छोटू के साथ पिछले छह महीनों से पारिवारिक विवाद चल रहा था। विवाद इतना बढ़ गया था कि प्रमिला ने न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा था। महिला कांस्टेबलों की जांच में सामने आया कि दोनों के बीच मोबाइल फोन के इस्तेमाल और कुछ छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव था, जिसने बड़े विवाद का रूप ले लिया था। थानाध्यक्ष चंद्रकांत पाण्डेय के निर्देशन में दरोगा कृष्ण कुमार पाण्डेय, हेड कांस्टेबल धनंजय दूबे और सत्यप्रकाश यादव ने पति छोटू को थाने बुलाया। यहां महिला कांस्टेबल प्रीती और कंचन सिंह ने दोनों पक्षों के साथ घंटों बातचीत की। उन्होंने पति-पत्नी को साथ रहने के फायदे और टूटते रिश्ते के दुष्परिणाम समझाए, जिसका सकारात्मक असर हुआ। सफल काउंसलिंग के बाद पति-पत्नी ने पुरानी बातों को भुलाकर नई शुरुआत करने का निर्णय लिया। मंगलवार को पति छोटू अपनी पत्नी प्रमिला को थाने से ही विदा कराकर अपने घर ले गया। थानाध्यक्ष चंद्रकांत पाण्डेय ने बताया कि मिशन शक्ति का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनके अधिकारों और परिवारों को संरक्षित करना भी है। उन्होंने महिला कांस्टेबल प्रीती और कंचन सिंह की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने एक परिवार को टूटने से बचा लिया।
पुलिस ने अलग रह रहे दंपति को मिलाया:त्रिलोकपुर में महिला कांस्टेबलों की सूझबूझ से परिवार टूटने से बचा
त्रिलोकपुर पुलिस ने मिशन शक्ति अभियान के तहत मानवीय संवेदनाओं की मिसाल पेश की है। पुलिस ने छह माह से विवाद के कारण अलग रह रहे एक पति-पत्नी को आपसी सहमति से मिलाया और उन्हें खुशी-खुशी घर विदा किया। इस पुनर्मिलन में थाने की महिला कांस्टेबलों की काउंसलिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह मामला त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव का है। यहां की निवासी प्रमिला का अपने पति छोटू के साथ पिछले छह महीनों से पारिवारिक विवाद चल रहा था। विवाद इतना बढ़ गया था कि प्रमिला ने न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा था। महिला कांस्टेबलों की जांच में सामने आया कि दोनों के बीच मोबाइल फोन के इस्तेमाल और कुछ छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव था, जिसने बड़े विवाद का रूप ले लिया था। थानाध्यक्ष चंद्रकांत पाण्डेय के निर्देशन में दरोगा कृष्ण कुमार पाण्डेय, हेड कांस्टेबल धनंजय दूबे और सत्यप्रकाश यादव ने पति छोटू को थाने बुलाया। यहां महिला कांस्टेबल प्रीती और कंचन सिंह ने दोनों पक्षों के साथ घंटों बातचीत की। उन्होंने पति-पत्नी को साथ रहने के फायदे और टूटते रिश्ते के दुष्परिणाम समझाए, जिसका सकारात्मक असर हुआ। सफल काउंसलिंग के बाद पति-पत्नी ने पुरानी बातों को भुलाकर नई शुरुआत करने का निर्णय लिया। मंगलवार को पति छोटू अपनी पत्नी प्रमिला को थाने से ही विदा कराकर अपने घर ले गया। थानाध्यक्ष चंद्रकांत पाण्डेय ने बताया कि मिशन शक्ति का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनके अधिकारों और परिवारों को संरक्षित करना भी है। उन्होंने महिला कांस्टेबल प्रीती और कंचन सिंह की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने एक परिवार को टूटने से बचा लिया।









































