महराजगंज जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में 16 दिसंबर 2025 को जिला उद्योग एवं व्यापार बंधु बैठक का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी (DM) संतोष कुमार शर्मा ने विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं की समीक्षा की। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में स्वरोजगार को बढ़ावा देना, बैंकों की लापरवाही दूर करना और आर्थिक विकास सुनिश्चित करना था। DM संतोष कुमार शर्मा ने स्पष्ट किया कि स्वरोजगार योजनाओं में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि बैंकों द्वारा आवेदकों के उत्पीड़न या अनावश्यक विलंब पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह बैठक दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक चली, जिसमें 50 से अधिक उद्यमी, व्यापारी, बैंक प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हुए। बैठक में उद्योग विभाग, बैंकिंग, GST और सहकारिता से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की प्रगति की समीक्षा की। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1700 आवेदनों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 1120 स्वीकृत हुए और 1068 में ऋण वितरित किया जा चुका है। DM ने शेष आवेदनों को 31 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 500 से अधिक लाभार्थियों का लक्ष्य था, लेकिन प्रगति केवल 70% रही। DM ने बैंकों को तत्काल ऋण वितरण का आदेश दिया। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत ग्रामीण युवाओं के लिए 300 से अधिक मामले लंबित पाए गए, जिस पर DM ने जिला उद्योग केंद्र से साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी। एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत जिले के हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसमें 200 से अधिक इकाइयों को सब्सिडी प्रदान की गई है। GST पंजीकरण बढ़ाने पर भी जोर दिया गया, ताकि व्यापारी मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना योजना के तहत 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्त कर सकें। स्टैंड-अप इंडिया, मुद्रा योजना और स्किल डेवलपमेंट जैसी अन्य योजनाओं के माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक के दौरान, DM ने यूपी ग्रामीण बैंक की गांगी बाजार और पनियरा शाखाओं पर कार्रवाई का आदेश दिया। इन शाखाओं के खिलाफ आवेदनों में विलंब की शिकायतें मिली थीं। क्षेत्रीय प्रबंधक को बैंक चेयरमैन को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया। व्यापारियों ने बिजली कनेक्शन, ऋण स्वीकृति और GST से संबंधित अपनी समस्याएं भी उठाईं।
महराजगंज में जिला उद्योग-व्यापार बंधु बैठक संपन्न: डीएम ने स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा की, बैंकों को दिए निर्देश – Banspar Baijauli(Maharajganj sadar) News
महराजगंज जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में 16 दिसंबर 2025 को जिला उद्योग एवं व्यापार बंधु बैठक का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी (DM) संतोष कुमार शर्मा ने विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं की समीक्षा की। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में स्वरोजगार को बढ़ावा देना, बैंकों की लापरवाही दूर करना और आर्थिक विकास सुनिश्चित करना था। DM संतोष कुमार शर्मा ने स्पष्ट किया कि स्वरोजगार योजनाओं में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि बैंकों द्वारा आवेदकों के उत्पीड़न या अनावश्यक विलंब पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह बैठक दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक चली, जिसमें 50 से अधिक उद्यमी, व्यापारी, बैंक प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हुए। बैठक में उद्योग विभाग, बैंकिंग, GST और सहकारिता से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की प्रगति की समीक्षा की। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1700 आवेदनों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 1120 स्वीकृत हुए और 1068 में ऋण वितरित किया जा चुका है। DM ने शेष आवेदनों को 31 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 500 से अधिक लाभार्थियों का लक्ष्य था, लेकिन प्रगति केवल 70% रही। DM ने बैंकों को तत्काल ऋण वितरण का आदेश दिया। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत ग्रामीण युवाओं के लिए 300 से अधिक मामले लंबित पाए गए, जिस पर DM ने जिला उद्योग केंद्र से साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी। एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत जिले के हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसमें 200 से अधिक इकाइयों को सब्सिडी प्रदान की गई है। GST पंजीकरण बढ़ाने पर भी जोर दिया गया, ताकि व्यापारी मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना योजना के तहत 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्त कर सकें। स्टैंड-अप इंडिया, मुद्रा योजना और स्किल डेवलपमेंट जैसी अन्य योजनाओं के माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक के दौरान, DM ने यूपी ग्रामीण बैंक की गांगी बाजार और पनियरा शाखाओं पर कार्रवाई का आदेश दिया। इन शाखाओं के खिलाफ आवेदनों में विलंब की शिकायतें मिली थीं। क्षेत्रीय प्रबंधक को बैंक चेयरमैन को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया। व्यापारियों ने बिजली कनेक्शन, ऋण स्वीकृति और GST से संबंधित अपनी समस्याएं भी उठाईं।









































