महसी के बहोरिकपुर पंडितपुरवा में सोमवार को रामलीला मंचन के तीसरे दिन का प्रदर्शन किया गया। राम कृष्ण नाट्य कला दरभंगा, बिहार द्वारा प्रस्तुत इस मंचन में गुरु विश्वामित्र के अयोध्या आगमन और राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को विश्व कल्याण हेतु अपने साथ वन ले जाने की मांग का दृश्य दिखाया गया। विश्वामित्र की मांग पर राजा दशरथ ने पुत्र मोहवश आपत्ति जताई। उन्होंने विश्वामित्र से विनती की कि राम और लक्ष्मण अभी बालक हैं और उनके प्राणों से प्यारे हैं। दशरथ ने राक्षसों से युद्ध के लिए अपनी सेना के साथ स्वयं जाने की पेशकश की। दशरथ के मना करने पर गुरु विश्वामित्र क्रोधित हो गए और उन्हें रघुवंश पर कलंक बताते हुए श्राप देने के लिए उद्यत हुए। तभी गुरु वशिष्ठ ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने विश्वामित्र को शांत किया और राजा दशरथ को मनु और शतरूपा की कहानी सुनाकर उन्हें राम-लक्ष्मण को भेजने के लिए राजी किया। गुरु वशिष्ठ के समझाने के बाद राजा दशरथ ने राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ वन जाने की अनुमति दी। वन मार्ग में राम और लक्ष्मण ने राक्षसी ताड़का का वध किया। इस नाट्य कला को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
रामलीला में दशरथ-विश्वामित्र संवाद: गुरु विश्वामित्र राम-लक्ष्मण को वन ले गए – Mahsi News
महसी के बहोरिकपुर पंडितपुरवा में सोमवार को रामलीला मंचन के तीसरे दिन का प्रदर्शन किया गया। राम कृष्ण नाट्य कला दरभंगा, बिहार द्वारा प्रस्तुत इस मंचन में गुरु विश्वामित्र के अयोध्या आगमन और राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को विश्व कल्याण हेतु अपने साथ वन ले जाने की मांग का दृश्य दिखाया गया। विश्वामित्र की मांग पर राजा दशरथ ने पुत्र मोहवश आपत्ति जताई। उन्होंने विश्वामित्र से विनती की कि राम और लक्ष्मण अभी बालक हैं और उनके प्राणों से प्यारे हैं। दशरथ ने राक्षसों से युद्ध के लिए अपनी सेना के साथ स्वयं जाने की पेशकश की। दशरथ के मना करने पर गुरु विश्वामित्र क्रोधित हो गए और उन्हें रघुवंश पर कलंक बताते हुए श्राप देने के लिए उद्यत हुए। तभी गुरु वशिष्ठ ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने विश्वामित्र को शांत किया और राजा दशरथ को मनु और शतरूपा की कहानी सुनाकर उन्हें राम-लक्ष्मण को भेजने के लिए राजी किया। गुरु वशिष्ठ के समझाने के बाद राजा दशरथ ने राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ वन जाने की अनुमति दी। वन मार्ग में राम और लक्ष्मण ने राक्षसी ताड़का का वध किया। इस नाट्य कला को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।









































