बलरामपुर | बलरामपुर जिले के चरहू और पीपरढाबा क्षेत्र के स्कूली बच्चों द्वारा विद्यालय परिसर में पेयजल व्यवस्था की मांग के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन दुर्गम इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया है। बच्चों की मांग की जानकारी मिलते ही कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने संबंधित विभागों को तत्काल स्थल निरीक्षण और आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद चरहू प्राथमिक व माध्यमिक शाला, पीपरढाबा आंगनबाड़ी केंद्र तथा सोनपुर के बरपाट गांव में हैंडपंप स्थापित किए गए। दुर्गम पहाड़ी रास्तों, नदी-नालों और घने जंगलों के कारण बोरिंग मशीन को गांवों तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन प्रशासनिक टीम ने वैकल्पिक मार्ग तैयार कर विषम परिस्थितियों में भी कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। हैंडपंप से पहली बार स्वच्छ और शीतल जल निकलते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। महिलाओं ने राहत महसूस की कि अब उन्हें दूर-दराज के जलस्रोतों तक नहीं जाना पड़ेगा, वहीं बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी के पास ही स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है।
चरहू व पीपरढाबा के स्कूलों में पहली बार लगे हैंडपंप
बलरामपुर | बलरामपुर जिले के चरहू और पीपरढाबा क्षेत्र के स्कूली बच्चों द्वारा विद्यालय परिसर में पेयजल व्यवस्था की मांग के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन दुर्गम इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया है। बच्चों की मांग की जानकारी मिलते ही कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने संबंधित विभागों को तत्काल स्थल निरीक्षण और आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद चरहू प्राथमिक व माध्यमिक शाला, पीपरढाबा आंगनबाड़ी केंद्र तथा सोनपुर के बरपाट गांव में हैंडपंप स्थापित किए गए। दुर्गम पहाड़ी रास्तों, नदी-नालों और घने जंगलों के कारण बोरिंग मशीन को गांवों तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन प्रशासनिक टीम ने वैकल्पिक मार्ग तैयार कर विषम परिस्थितियों में भी कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। हैंडपंप से पहली बार स्वच्छ और शीतल जल निकलते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। महिलाओं ने राहत महसूस की कि अब उन्हें दूर-दराज के जलस्रोतों तक नहीं जाना पड़ेगा, वहीं बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी के पास ही स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है।









































