बलरामपुर के श्रीदत्तगंज ब्लॉक स्थित ग्राम सभा सहदईया के सैकड़ों साल पुराने सोमनाथ मंदिर में विवाद गहरा गया है। स्थानीय जनता और मंदिर के पुजारी के बीच मतभेद इतना बढ़ गया है कि मामला जिला अधिकारी तक पहुंच गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मंदिर के पुजारी जितेंद्र बन (पुत्र राजेंद्र वन) ने फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर मंदिर पर कब्जा कर लिया है। उनका यह भी कहना है कि पुजारी ने मंदिर की सात सदस्यीय कमेटी में अपने परिवार के पांच सदस्यों को शामिल कर मनमाना अधिकार जमा रखा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुजारी के इस आचरण से मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंची है। पूजा करने आने वाली महिलाएं भी असहज महसूस कर रही हैं। आनंद प्रकाश ने बताया कि महिलाएं मंदिर में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, जिससे मंदिर की परंपरा और सम्मान को खतरा है। जब स्थानीय लोगों ने इस आचरण का विरोध किया, तो पुजारी ने खुद को और अपने प्रबंधक को मंदिर का मालिक घोषित कर दिया। इससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी फैल गई और उन्होंने पुजारी को हटाने की मांग की। ग्रामीणों ने बलरामपुर के जिला अधिकारी से फर्जी रजिस्ट्रेशन रद्द करने और पुजारी को मंदिर से हटाने का अनुरोध किया है, ताकि सोमनाथ मंदिर की ऐतिहासिक गरिमा और धार्मिक परंपरा बनी रहे। ज्ञापन में आनंद प्रकाश, भोलेनाथ जायसवाल, अवधेश सेठी, योगेंद्र, प्रेम प्रकाश, संतोष और महेश सहित दर्जनों नाम शामिल हैं।
बलरामपुर के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर में विवाद:पुजारी पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कर कब्जा करने का आरोप
बलरामपुर के श्रीदत्तगंज ब्लॉक स्थित ग्राम सभा सहदईया के सैकड़ों साल पुराने सोमनाथ मंदिर में विवाद गहरा गया है। स्थानीय जनता और मंदिर के पुजारी के बीच मतभेद इतना बढ़ गया है कि मामला जिला अधिकारी तक पहुंच गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मंदिर के पुजारी जितेंद्र बन (पुत्र राजेंद्र वन) ने फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर मंदिर पर कब्जा कर लिया है। उनका यह भी कहना है कि पुजारी ने मंदिर की सात सदस्यीय कमेटी में अपने परिवार के पांच सदस्यों को शामिल कर मनमाना अधिकार जमा रखा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुजारी के इस आचरण से मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंची है। पूजा करने आने वाली महिलाएं भी असहज महसूस कर रही हैं। आनंद प्रकाश ने बताया कि महिलाएं मंदिर में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, जिससे मंदिर की परंपरा और सम्मान को खतरा है। जब स्थानीय लोगों ने इस आचरण का विरोध किया, तो पुजारी ने खुद को और अपने प्रबंधक को मंदिर का मालिक घोषित कर दिया। इससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी फैल गई और उन्होंने पुजारी को हटाने की मांग की। ग्रामीणों ने बलरामपुर के जिला अधिकारी से फर्जी रजिस्ट्रेशन रद्द करने और पुजारी को मंदिर से हटाने का अनुरोध किया है, ताकि सोमनाथ मंदिर की ऐतिहासिक गरिमा और धार्मिक परंपरा बनी रहे। ज्ञापन में आनंद प्रकाश, भोलेनाथ जायसवाल, अवधेश सेठी, योगेंद्र, प्रेम प्रकाश, संतोष और महेश सहित दर्जनों नाम शामिल हैं।









































