बलरामपुर के श्रीदत्तगंज विकास खंड में बुधवार को जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने ग्राम पंचायत ढोवाडाबर स्थित पंचायत भवन में आयोजित वीएचएसएनडी (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) सत्र का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए चलाए जा रहे विशेष अंतर्विभागीय अभियान ‘प्रोजेक्ट संवर्धन’ के तहत किया गया। निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को प्रदान की जा रही सेवाओं की गहन समीक्षा की। इनमें टीकाकरण, वजन-लंबाई मापन, पोषण परामर्श और स्वास्थ्य जांच शामिल थीं। उन्होंने लाभार्थियों से सीधा संवाद कर सेवाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डीएम ने दवाओं, टीकाकरण सामग्री, वजन मशीन और इन्फेंटोमीटर सहित आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता की भी जांच की। उन्होंने विभागीय समन्वय के साथ कार्य करने पर विशेष जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि 0-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण, साथ ही सैम (गंभीर तीव्र कुपोषित) और मैम (मध्यम तीव्र कुपोषित) बच्चों की पहचान कर उनका त्वरित उपचार व पोषण प्रबंधन प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कुपोषण की रोकथाम और मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, और इस दिशा में ‘प्रोजेक्ट संवर्धन’ एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान के तहत जनपद के 300 पंचायत भवनों में विशेष वीएचएसएनडी सत्र आयोजित किए गए हैं, जिनका 300 अधिकारियों द्वारा प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण किया जा रहा है। प्रत्येक सत्र में स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस के समन्वय से सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
श्रीदत्तगंज में वीएचएसएनडी सत्र का जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया:पोषण व स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर जोर दिया
बलरामपुर के श्रीदत्तगंज विकास खंड में बुधवार को जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने ग्राम पंचायत ढोवाडाबर स्थित पंचायत भवन में आयोजित वीएचएसएनडी (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) सत्र का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए चलाए जा रहे विशेष अंतर्विभागीय अभियान ‘प्रोजेक्ट संवर्धन’ के तहत किया गया। निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को प्रदान की जा रही सेवाओं की गहन समीक्षा की। इनमें टीकाकरण, वजन-लंबाई मापन, पोषण परामर्श और स्वास्थ्य जांच शामिल थीं। उन्होंने लाभार्थियों से सीधा संवाद कर सेवाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डीएम ने दवाओं, टीकाकरण सामग्री, वजन मशीन और इन्फेंटोमीटर सहित आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता की भी जांच की। उन्होंने विभागीय समन्वय के साथ कार्य करने पर विशेष जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि 0-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण, साथ ही सैम (गंभीर तीव्र कुपोषित) और मैम (मध्यम तीव्र कुपोषित) बच्चों की पहचान कर उनका त्वरित उपचार व पोषण प्रबंधन प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कुपोषण की रोकथाम और मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, और इस दिशा में ‘प्रोजेक्ट संवर्धन’ एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान के तहत जनपद के 300 पंचायत भवनों में विशेष वीएचएसएनडी सत्र आयोजित किए गए हैं, जिनका 300 अधिकारियों द्वारा प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण किया जा रहा है। प्रत्येक सत्र में स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस के समन्वय से सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।









































