श्रावस्ती में दवा विक्रेता के खिलाफ पुलिस की छापेमारी और कार्रवाई को लेकर केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन श्रावस्ती ने कड़ा विरोध जताया है। संगठन ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा है। एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि पिछले महीने से व्यापारियों में भय का माहौल है, जिससे उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को उत्पीड़न बताया, जबकि सभी केमिस्ट ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत लाइसेंस प्राप्त हैं और दवाओं की खरीद-बिक्री बिल के माध्यम से की जाती है। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स उत्तर प्रदेश (OCDUP) की जनपद इकाई ने स्पष्ट किया कि संगठन नशे की दवाओं की बिक्री के सख्त खिलाफ है और ‘नशे के विरुद्ध युद्ध’ में सरकार के साथ पूरी तरह सहयोग करने को तैयार है। संगठन ने उत्तर प्रदेश सरकार से प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट और अधिकृत सूची जारी करने की मांग की है, ताकि उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा सके। दवा व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटना के बाद, जांच की आड़ में आरोप है की कोडीन युक्त कफ सिरप और अन्य वैध दवाओं को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि वे प्रतिबंधित नहीं हैं। ट्रामाडोल, अल्प्राजोलाम और क्लोनाजेपाम जैसी दवाएं चिकित्सकीय आवश्यकता की हैं, जिनका उपयोग डॉक्टर नियमित रूप से करते हैं। केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन श्रावस्ती ने चेतावनी दी है कि यदि दवा व्यापार में पुलिस का हस्तक्षेप नहीं रोका गया, तो सभी दवा विक्रेता जीवन रक्षक नारकोटिक्स और साइकोट्रॉपिक दवाओं की बिक्री बंद करने के लिए विवश होंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई भी दवा व्यापारी गलत कार्य में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ औषधि कानून के तहत कठोर कार्रवाई होनी चाहिए और एसोसिएशन ऐसे किसी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी।
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