बलरामपुर चीनी मिल में 2025-26 के पेराई सत्र का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर यूनिट हेड एवं डीएम विपिन कुमार जैन और एसपी विकास कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सत्र की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से हुई। इसमें बैलगाड़ी और बैलों को गुड़ खिलाया गया, तौल केंद्र पर टीका लगाया गया, तथा डोंगे में नारियल फोड़कर गन्ना डाला गया। मिल के अधिशासी अध्यक्ष के.के. वाजपेयी ने बताया कि किसानों के लिए सभी कैलेंडर पहले ही तैयार कर समय पर उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सभी सेंटरों पर लोडिंग की उचित व्यवस्था की गई है। किसानों की सुविधा के लिए पीने के पानी हेतु हैंडपंप, विश्राम के लिए शेड, शौचालय, बाथरूम और सर्दी से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था भी की गई है। वाजपेयी ने जानकारी दी कि इस वर्ष 1 करोड़ 80 लाख कुंतल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले वर्ष मिल ने 1 करोड़ 55 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की थी। इस बार बहराइच जिले के चिलवरिया क्षेत्र से लगभग 9 नए सेंटर मिलने के कारण लक्ष्य बढ़ाया गया है। वर्तमान में मिल के कुल लगभग 95 सेंटर संचालित हैं। किसानों को मिल के निर्देशों और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देने के लिए ऑडियो संदेश भी प्रसारित किए गए हैं, ताकि कोई भ्रम न रहे। सभी किसानों से अपील की गई है कि वे अपना गन्ना निर्धारित सेंटरों पर ही भेजें। मिल समय पर गन्ने का उठान और भुगतान सुनिश्चित करेगी। अधिशासी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि प्रथम, द्वितीय और तृतीय भुगतान चक्र समय पर पूरा करने से किसानों को प्रोत्साहन मिलता है। इससे वे बेहतर नस्ल के बीज और उन्नत खेती के माध्यम से अधिक उत्पादन कर पाते हैं। उनके अनुसार, समय पर भुगतान से किसानों की आमदनी बढ़ती है और गन्ना खेती का लाभ भी अधिक मिलता है। पेराई सत्र की शुरुआत के साथ ही क्षेत्र के गन्ना किसानों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।
बलरामपुर चीनी मिल में पेराई सत्र शुरू:1.80 करोड़ कुंतल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित
बलरामपुर चीनी मिल में 2025-26 के पेराई सत्र का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर यूनिट हेड एवं डीएम विपिन कुमार जैन और एसपी विकास कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सत्र की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से हुई। इसमें बैलगाड़ी और बैलों को गुड़ खिलाया गया, तौल केंद्र पर टीका लगाया गया, तथा डोंगे में नारियल फोड़कर गन्ना डाला गया। मिल के अधिशासी अध्यक्ष के.के. वाजपेयी ने बताया कि किसानों के लिए सभी कैलेंडर पहले ही तैयार कर समय पर उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सभी सेंटरों पर लोडिंग की उचित व्यवस्था की गई है। किसानों की सुविधा के लिए पीने के पानी हेतु हैंडपंप, विश्राम के लिए शेड, शौचालय, बाथरूम और सर्दी से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था भी की गई है। वाजपेयी ने जानकारी दी कि इस वर्ष 1 करोड़ 80 लाख कुंतल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले वर्ष मिल ने 1 करोड़ 55 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की थी। इस बार बहराइच जिले के चिलवरिया क्षेत्र से लगभग 9 नए सेंटर मिलने के कारण लक्ष्य बढ़ाया गया है। वर्तमान में मिल के कुल लगभग 95 सेंटर संचालित हैं। किसानों को मिल के निर्देशों और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देने के लिए ऑडियो संदेश भी प्रसारित किए गए हैं, ताकि कोई भ्रम न रहे। सभी किसानों से अपील की गई है कि वे अपना गन्ना निर्धारित सेंटरों पर ही भेजें। मिल समय पर गन्ने का उठान और भुगतान सुनिश्चित करेगी। अधिशासी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि प्रथम, द्वितीय और तृतीय भुगतान चक्र समय पर पूरा करने से किसानों को प्रोत्साहन मिलता है। इससे वे बेहतर नस्ल के बीज और उन्नत खेती के माध्यम से अधिक उत्पादन कर पाते हैं। उनके अनुसार, समय पर भुगतान से किसानों की आमदनी बढ़ती है और गन्ना खेती का लाभ भी अधिक मिलता है। पेराई सत्र की शुरुआत के साथ ही क्षेत्र के गन्ना किसानों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।








