सिद्धार्थनगर के खेसरहा क्षेत्र स्थित ग्राम सकारपार में नवयुवक रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के छठे दिन राम-केवट संवाद, सूपर्णखा प्रकरण और खर-दूषण वध का मंचन किया गया। सोमवार देर शाम हुए इस सजीव प्रस्तुतीकरण को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत राम-केवट संवाद से हुई। कलाकारों ने केवट द्वारा प्रभु श्रीराम के चरण पखारने की विनती और उनकी भक्ति को प्रस्तुत किया। इस संवाद ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद सूपर्णखा का मंच पर आगमन हुआ, जहां राम और लक्ष्मण से उसका संवाद दिखाया गया। लक्ष्मण द्वारा सूपर्णखा के नाक-कान काटने का दृश्य भी प्रस्तुत किया गया। इस दौरान दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। सूपर्णखा के घायल होने के बाद उसके भाई खर और दूषण ने राम पर आक्रमण किया। यह युद्ध दृश्य मंचन का एक महत्वपूर्ण भाग था। प्रकाश, ध्वनि और युद्धाभ्यास के विशेष प्रभावों ने प्रस्तुति को प्रभावी बनाया। दर्शकों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। इस कार्यक्रम में नवयुवक रामलीला समिति के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें आयोजक शैलेश मिश्र अध्यक्ष रुद्रनाथ त्रिपाठी, उपाध्यक्ष रजनीश मिश्रा, तथा सदस्य राजेश पांडे, मारकंडे मिश्रा, अखिलेश मिश्रा, रिंटू मिश्रा, अनिल मिश्रा, सत्यम वर्मा और प्रेम मिश्रा शामिल थे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया। ग्राम सकारपार में पिछले छह दिनों से रामलीला का आयोजन जारी है। ग्रामीण प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंचकर इन धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देख रहे हैं।
सकारपार में रामलीला का छठा दिन:राम-केवट संवाद, खर-दूषण वध का मंचन
सिद्धार्थनगर के खेसरहा क्षेत्र स्थित ग्राम सकारपार में नवयुवक रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के छठे दिन राम-केवट संवाद, सूपर्णखा प्रकरण और खर-दूषण वध का मंचन किया गया। सोमवार देर शाम हुए इस सजीव प्रस्तुतीकरण को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत राम-केवट संवाद से हुई। कलाकारों ने केवट द्वारा प्रभु श्रीराम के चरण पखारने की विनती और उनकी भक्ति को प्रस्तुत किया। इस संवाद ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद सूपर्णखा का मंच पर आगमन हुआ, जहां राम और लक्ष्मण से उसका संवाद दिखाया गया। लक्ष्मण द्वारा सूपर्णखा के नाक-कान काटने का दृश्य भी प्रस्तुत किया गया। इस दौरान दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। सूपर्णखा के घायल होने के बाद उसके भाई खर और दूषण ने राम पर आक्रमण किया। यह युद्ध दृश्य मंचन का एक महत्वपूर्ण भाग था। प्रकाश, ध्वनि और युद्धाभ्यास के विशेष प्रभावों ने प्रस्तुति को प्रभावी बनाया। दर्शकों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। इस कार्यक्रम में नवयुवक रामलीला समिति के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें आयोजक शैलेश मिश्र अध्यक्ष रुद्रनाथ त्रिपाठी, उपाध्यक्ष रजनीश मिश्रा, तथा सदस्य राजेश पांडे, मारकंडे मिश्रा, अखिलेश मिश्रा, रिंटू मिश्रा, अनिल मिश्रा, सत्यम वर्मा और प्रेम मिश्रा शामिल थे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया। ग्राम सकारपार में पिछले छह दिनों से रामलीला का आयोजन जारी है। ग्रामीण प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंचकर इन धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देख रहे हैं।









































