बहराइच में मासूम बच्ची से रेप के एक मामले में पॉस्को कोर्ट ने बुधवार को एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 2 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह चौथी बार है जब इस आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिली है। यह मामला सुजौली इलाके का है। 3 जुलाई को एक महिला ने पुलिस को तहरीर दी थी कि 2 जुलाई की रात वह अपने बच्चों के साथ सो रही थी। देर रात नींद खुलने पर उसने देखा कि उसकी पांच साल की बेटी गायब थी। सुजौली थाना प्रभारी ने इस मामले में अविनाश पांडेय उर्फ सिंपल को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अरविंद कुमार ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपी का कृत्य अत्यंत गंभीर है और वह पहले भी कई मासूमों को अपना शिकार बना चुका है। उसे पूर्व में भी तीन मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने युवक को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा के साथ 2 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। आरोपी को पहली बार 24 सितंबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह सजा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं लागू होने के बाद पहली थी। आरोपी को तीन बार की सजा तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पॉस्को दीपाकांत मणि की अदालत ने सुनाई थी। वहीं, बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉस्को अरविंद कुमार गौतम ने चौथी बार आरोपी को सजा सुनाई है।
नाबालिग से रेप के दोषी को चौथी बार उम्रकैद: बहराइच की पॉक्सो कोर्ट ने 2.40 लाख का जुर्माना भी लगाया, पहले भी 3 मामलों में सजा – Bahraich News
बहराइच में मासूम बच्ची से रेप के एक मामले में पॉस्को कोर्ट ने बुधवार को एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 2 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह चौथी बार है जब इस आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिली है। यह मामला सुजौली इलाके का है। 3 जुलाई को एक महिला ने पुलिस को तहरीर दी थी कि 2 जुलाई की रात वह अपने बच्चों के साथ सो रही थी। देर रात नींद खुलने पर उसने देखा कि उसकी पांच साल की बेटी गायब थी। सुजौली थाना प्रभारी ने इस मामले में अविनाश पांडेय उर्फ सिंपल को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अरविंद कुमार ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपी का कृत्य अत्यंत गंभीर है और वह पहले भी कई मासूमों को अपना शिकार बना चुका है। उसे पूर्व में भी तीन मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने युवक को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा के साथ 2 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। आरोपी को पहली बार 24 सितंबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह सजा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं लागू होने के बाद पहली थी। आरोपी को तीन बार की सजा तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पॉस्को दीपाकांत मणि की अदालत ने सुनाई थी। वहीं, बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉस्को अरविंद कुमार गौतम ने चौथी बार आरोपी को सजा सुनाई है।









































