निचलौल तहसील के सीमावर्ती क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन घने कोहरे और शीतलहर का असर देखा गया। गुरुवार सुबह से ही पूरे इलाके को घने कोहरे ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे दृश्यता घटकर लगभग 20 मीटर रह गई। घने कोहरे के कारण सड़क मार्ग पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और कई स्थानों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। दूसरे दिन भी जारी शीतलहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सुबह-शाम ठंड का प्रकोप अधिक होने से लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाते दिखे। मजदूर वर्ग, रिक्शा चालक और दिहाड़ी मजदूरों को इस मौसम में सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे का असर सार्वजनिक परिवहन पर भी पड़ा है, जिसके चलते कई बसें देरी से संचालित हुईं। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे से फिलहाल राहत मिलने की संभावना कम है।
सीमावर्ती क्षेत्र में घने कोहरे का कहर, जनजीवन प्रभावित: दृश्यता 20 मीटर के करीब, लोग अलाव का सहारा लेने को मजबूर – Bakuldiha(Nichlaul) News
निचलौल तहसील के सीमावर्ती क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन घने कोहरे और शीतलहर का असर देखा गया। गुरुवार सुबह से ही पूरे इलाके को घने कोहरे ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे दृश्यता घटकर लगभग 20 मीटर रह गई। घने कोहरे के कारण सड़क मार्ग पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और कई स्थानों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। दूसरे दिन भी जारी शीतलहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सुबह-शाम ठंड का प्रकोप अधिक होने से लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाते दिखे। मजदूर वर्ग, रिक्शा चालक और दिहाड़ी मजदूरों को इस मौसम में सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे का असर सार्वजनिक परिवहन पर भी पड़ा है, जिसके चलते कई बसें देरी से संचालित हुईं। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे से फिलहाल राहत मिलने की संभावना कम है।







































