नौतनवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के चिकित्सकों पर बाहर की दवाएं लिखने और निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराने का दबाव बनाने के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के कारण सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले आम मरीजों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोगियों और उनके तीमारदारों का कहना है कि सीएचसी में सरकारी दवाएं उपलब्ध होने के बावजूद चिकित्सक बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। इसके अतिरिक्त, खून जांच, एक्सरे और अन्य परीक्षणों के लिए मरीजों को निजी पैथोलॉजी सेंटर के विजिटिंग कार्ड दिए जा रहे हैं, और उन्हें वहीं से जांच कराने को कहा जा रहा है। इस स्थिति से सरकार की निःशुल्क दवा और जांच योजना पर सवाल उठ रहे हैं। मरीजों का आरोप है कि निजी पैथोलॉजी सेंटर जांच के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जिससे गरीब और असहाय रोगी सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों जैसे राधेश्याम सिंह, अभिषेक वर्मा, पिंकू, इसरावती और नंदू ने बताया कि यह गतिविधियां सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं और बेहतर स्वास्थ्य सेवा के दावों के विपरीत हैं और उसकी छवि को धूमिल कर रही हैं। इस मामले पर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) श्रीकांत शुक्ला ने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायत की जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए, तो संबंधित चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
नौतनवा सीएचसी में बाहर की दवा, जांच लिखने के आरोप: मरीजों को हो रही परेशानी, सीएमओ ने दिए जांच के आदेश – Nautanwa(Nautanwa) News
नौतनवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के चिकित्सकों पर बाहर की दवाएं लिखने और निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराने का दबाव बनाने के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के कारण सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले आम मरीजों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोगियों और उनके तीमारदारों का कहना है कि सीएचसी में सरकारी दवाएं उपलब्ध होने के बावजूद चिकित्सक बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। इसके अतिरिक्त, खून जांच, एक्सरे और अन्य परीक्षणों के लिए मरीजों को निजी पैथोलॉजी सेंटर के विजिटिंग कार्ड दिए जा रहे हैं, और उन्हें वहीं से जांच कराने को कहा जा रहा है। इस स्थिति से सरकार की निःशुल्क दवा और जांच योजना पर सवाल उठ रहे हैं। मरीजों का आरोप है कि निजी पैथोलॉजी सेंटर जांच के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जिससे गरीब और असहाय रोगी सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों जैसे राधेश्याम सिंह, अभिषेक वर्मा, पिंकू, इसरावती और नंदू ने बताया कि यह गतिविधियां सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं और बेहतर स्वास्थ्य सेवा के दावों के विपरीत हैं और उसकी छवि को धूमिल कर रही हैं। इस मामले पर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) श्रीकांत शुक्ला ने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायत की जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए, तो संबंधित चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।









































