बलरामपुर में राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत एक दो दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुवार को जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने की। यह प्रशिक्षण कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए था। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अच्छे व्यवहार से रोगी की आधी बीमारी ठीक हो जाती है। उन्होंने जोर दिया कि टीबी जैसी गंभीर और दीर्घकालिक बीमारी में दवा के साथ-साथ संवेदनशील व्यवहार, संवाद और भरोसा अत्यंत आवश्यक है। यह प्रशिक्षण टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के सहयोग से इसी उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्देश्य राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े कर्मियों को टीबी रोगियों से प्रभावी ढंग से संवाद करने, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार अपनाने और उनकी मानसिक स्थिति को समझने के लिए प्रशिक्षित करना है। इसमें हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज के माध्यम से रोगियों को आश्वस्त करने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया गया कि टीबी रोगी अकेला नहीं है और उसकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति उसके इलाज में बाधा नहीं बनेगी। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अच्छा व्यवहार न केवल बीमारी के उपचार में सहायक होता है, बल्कि यह पूरे व्यक्तित्व का आधार भी है। उन्होंने कहा कि मरीज और स्वास्थ्य कार्यकर्ता के बीच मधुर संबंध उपचार की सफलता सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कार्यक्रम में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक सुनीता यादव, यशपाल सिंह राजपूत, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी राजेश पाण्डेय, डीपीएम शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, अविनाश सिंह, सूर्यमणि तिवारी, महेंद्र शुक्ला, गणेश सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
अच्छे व्यवहार से ठीक होती है रोगी की आधी बीमारी:बलरामपुर में सीएमओ ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में दिया जोर
बलरामपुर में राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत एक दो दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुवार को जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने की। यह प्रशिक्षण कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए था। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अच्छे व्यवहार से रोगी की आधी बीमारी ठीक हो जाती है। उन्होंने जोर दिया कि टीबी जैसी गंभीर और दीर्घकालिक बीमारी में दवा के साथ-साथ संवेदनशील व्यवहार, संवाद और भरोसा अत्यंत आवश्यक है। यह प्रशिक्षण टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के सहयोग से इसी उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्देश्य राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े कर्मियों को टीबी रोगियों से प्रभावी ढंग से संवाद करने, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार अपनाने और उनकी मानसिक स्थिति को समझने के लिए प्रशिक्षित करना है। इसमें हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज के माध्यम से रोगियों को आश्वस्त करने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया गया कि टीबी रोगी अकेला नहीं है और उसकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति उसके इलाज में बाधा नहीं बनेगी। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अच्छा व्यवहार न केवल बीमारी के उपचार में सहायक होता है, बल्कि यह पूरे व्यक्तित्व का आधार भी है। उन्होंने कहा कि मरीज और स्वास्थ्य कार्यकर्ता के बीच मधुर संबंध उपचार की सफलता सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कार्यक्रम में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक सुनीता यादव, यशपाल सिंह राजपूत, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी राजेश पाण्डेय, डीपीएम शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, अविनाश सिंह, सूर्यमणि तिवारी, महेंद्र शुक्ला, गणेश सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।









































