श्रावस्ती में राज्य महिला आयोग की सदस्या डॉ. प्रियंका मौर्या ने महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की। उन्होंने भिनगा के निरीक्षण भवन और पुलिस लाइन सभागार में महिलाओं की समस्याएं सुनीं। इस दौरान कुल 13 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 4 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष शिकायतों में से कुछ मामले न्यायालय से संबंधित थे, जबकि अन्य के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। सदस्या ने कहा कि महिला आयोग पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को त्वरित न्याय दिलाने तथा बिना भेदभाव के सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। डॉ. मौर्या ने श्रावस्ती में महिलाओं से जुड़े मामलों पर अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने बताया कि यहां जमीनी विवाद की अपेक्षा पति-पत्नी के बीच के विवाद अधिक सामने आते हैं। इन विवादों का मुख्य कारण शिक्षा का अभाव और कम उम्र में विवाह होना है, जिस पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी अभिभावकों से लड़का-लड़की में भेदभाव न करने और दोनों को समान शिक्षा देने की अपील की। डॉ. मौर्या ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताया, जिसका उद्देश्य महिलाओं को शिक्षित कर उन्हें बराबरी का अधिकार दिलाना है। उन्होंने बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने और महिलाओं की शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। सदस्या ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे महिलाओं और बालिकाओं की छोटी-बड़ी शिकायतों को गंभीरता से लें। उन्होंने त्वरित कार्रवाई कर न्याय सुनिश्चित करने को कहा, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय के लिए भटकना न पड़े और उनका मान-सम्मान बना रहे।
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