नेपाल पुलिस के कस्टडी में 35 साल के भारतीय युवक की मौत हो गई। नेपाल पुलिस ने कहा उसने जेल में फांसी लगा ली। जबकि पत्नी ने नेपाल पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया है। बोली-मैं मिलने गई थी तो वह बोल रहे थे कि मुझे जहर दे दो। ये लोग बहुत मारते हैं इससे अच्छा मर जाऊं। दरअसल, सिद्धार्थनगर के रहने वाले विनोद को 31 अक्टूबर को नेपाल पुलिस ने स्मैक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में तौलिहवा पुलिस ने कोर्ट से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी। 19 नवंबर को सुबह घर वालों को पता चला कि मनोज की मौत हो चुकी है। 19 नवंबर देर शाम शव गांव लाया गया। पैत्रिक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। अब जाने क्या है पूरा मामला बार्डर से गिरफ्तार कर ले गए थे सिद्धार्थनगर के रामनगर बजहा गांव में विनोद का घर है। घर में पिता, 4 भाई और पत्नी रहती हैं। 6 साल पहले विनोद की शादी हुई थी। विनोद 4 भाइयों में सबसे छोटा था। रामनगर बजहा गांव नेपाल बार्डर से सटा हुआ है। 31 अक्टूबर को विनोद बार्डर की तरफ घूमने गया था। वहीं से नेपाल पुलिस स्मैक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। पता चलते ही परिजन नेपाल पहुंचे। वहां पता चला कि पुलिस ने न्यायालय पेश किया है। न्यायालय से तौलिहवा पुलिस ने अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही थी। घर वाले वापस सिद्धार्थनगर लौटे और कानूनी कार्रवाई में जुट गए। इसके बाद 19 नवंबर घर वालों को नेपाल पुलिस ने बताया कि विनोद ने जेल के बाथरूम में फांसी लगा ली। सूचना पर मिलते ही परिजन नेपाल पहुंचे, और शाम तो विनोद का शव लेकर गांव आए यहीं पर अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि नेपाल पुलिस ने विनोद को मार डाला। 5 दिन पहले पत्नी मिलने गई थी विनोद की पत्नी ने बताया कि 14 नवंबर को मैं विनोद से मिलने नेपाल गई थी। विनोद बेहद कमजोर हो चुका था, सहमा हुआ था और मानसिक रूप से टूट चुका था। मुलाकात के दौरान विनोद की हालत देखकर मैं डर गई। रोते हुए विनोद ने कहा था, मुझे यहां बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है। रोज मारते हैं, बार-बार की यातना से अच्छा है कि एक बार ही मौत आ जाए। मुझे जहर दे दो। मेरे पति पर उन लोगों ने हद से ज्यादा अत्याचार किया। वो अपने लिए मौत मांग रहे थे। पता नहीं कैसे उन्होंने पुलिस के इस अत्याचार को सहा। मैं भारत सरकार से नेपाल पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मामले में जांच चाहती हूं। मनोज ने कहा-मेरे भाई को झूठे केस में फंसाकर हत्या की गई मृतक के भाई मनोज निषाद ने बताया कि मेरे भाई की मौत जेल में नहीं, बल्कि तौलिहवा पुलिस कस्टडी में हुई है। पुलिस ने उसे इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया कि उसकी जान चली गई। यह कस्टडी डेथ नहीं, यह कस्टडी में की गई हत्या है। नेपाल पुलिस ने मौत के बाद परिवार को समय पर सूचना तक नहीं दी। इतना ही नहीं, कस्टडी डेथ से जुड़ी कोई मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। नेपाल पुलिस मामले की सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रही है। विनोद किसी अपराध में शामिल नहीं था। उसे झूठे आरोप में फंसाकर अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया गया। हमने भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। ग्रामीण बोले-नेपाल पुलिस अक्सर परेशान करती है सीमा क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी नेपाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नेपाल पुलिस अक्सर भारतीयों के साथ कठोरता, पक्षपात और अत्यधिक दमनकारी रवैया अपनाती है। उनके अनुसार, जब विनोद ने खुद अपनी पत्नी को प्रताड़ना की जानकारी दी थी, तो नेपाल पुलिस की जिम्मेदारी थी कि सुरक्षा सुनिश्चित करें। लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। विनोद निषाद की मौत ने न केवल नेपाल पुलिस की भूमिका, बल्कि हिरासत में पूछताछ की प्रक्रिया, मानवाधिकारों के पालन और सीमा क्षेत्र में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार ने साफ कहा है कि वे न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे और इस मामले को दबने नहीं देंगे। ………………………………. ये खबर भी पढ़ें… मेरठ में ओलंपियन दुल्हन ने शादी में की फायरिंग, VIDEO, बॉक्सर दूल्हे ने नोटों की गड्डियां उड़ाईं; दोनों पर FIR मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज जीवनसाथी बन गए। लाल रंग का लहंगा पहने अन्नू अपनी सहेलियों के साथ स्टेज तक पहुंचीं। यहां साहिल ने आगे बढ़कर उनका हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज पर ले गए। फिर घुटनों के बल बैठकर अन्नू को फूलों का गुलदस्ता दिया। पढ़ें पूरी खबर…
नेपाल पुलिस कस्टडी में भारतीय युवक की मौत:स्मैक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था, पत्नी बोली-पुलिस ने इतना मारा कि वो मौत मांग रहे थे
नेपाल पुलिस के कस्टडी में 35 साल के भारतीय युवक की मौत हो गई। नेपाल पुलिस ने कहा उसने जेल में फांसी लगा ली। जबकि पत्नी ने नेपाल पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया है। बोली-मैं मिलने गई थी तो वह बोल रहे थे कि मुझे जहर दे दो। ये लोग बहुत मारते हैं इससे अच्छा मर जाऊं। दरअसल, सिद्धार्थनगर के रहने वाले विनोद को 31 अक्टूबर को नेपाल पुलिस ने स्मैक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में तौलिहवा पुलिस ने कोर्ट से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी। 19 नवंबर को सुबह घर वालों को पता चला कि मनोज की मौत हो चुकी है। 19 नवंबर देर शाम शव गांव लाया गया। पैत्रिक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। अब जाने क्या है पूरा मामला बार्डर से गिरफ्तार कर ले गए थे सिद्धार्थनगर के रामनगर बजहा गांव में विनोद का घर है। घर में पिता, 4 भाई और पत्नी रहती हैं। 6 साल पहले विनोद की शादी हुई थी। विनोद 4 भाइयों में सबसे छोटा था। रामनगर बजहा गांव नेपाल बार्डर से सटा हुआ है। 31 अक्टूबर को विनोद बार्डर की तरफ घूमने गया था। वहीं से नेपाल पुलिस स्मैक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। पता चलते ही परिजन नेपाल पहुंचे। वहां पता चला कि पुलिस ने न्यायालय पेश किया है। न्यायालय से तौलिहवा पुलिस ने अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही थी। घर वाले वापस सिद्धार्थनगर लौटे और कानूनी कार्रवाई में जुट गए। इसके बाद 19 नवंबर घर वालों को नेपाल पुलिस ने बताया कि विनोद ने जेल के बाथरूम में फांसी लगा ली। सूचना पर मिलते ही परिजन नेपाल पहुंचे, और शाम तो विनोद का शव लेकर गांव आए यहीं पर अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि नेपाल पुलिस ने विनोद को मार डाला। 5 दिन पहले पत्नी मिलने गई थी विनोद की पत्नी ने बताया कि 14 नवंबर को मैं विनोद से मिलने नेपाल गई थी। विनोद बेहद कमजोर हो चुका था, सहमा हुआ था और मानसिक रूप से टूट चुका था। मुलाकात के दौरान विनोद की हालत देखकर मैं डर गई। रोते हुए विनोद ने कहा था, मुझे यहां बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है। रोज मारते हैं, बार-बार की यातना से अच्छा है कि एक बार ही मौत आ जाए। मुझे जहर दे दो। मेरे पति पर उन लोगों ने हद से ज्यादा अत्याचार किया। वो अपने लिए मौत मांग रहे थे। पता नहीं कैसे उन्होंने पुलिस के इस अत्याचार को सहा। मैं भारत सरकार से नेपाल पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मामले में जांच चाहती हूं। मनोज ने कहा-मेरे भाई को झूठे केस में फंसाकर हत्या की गई मृतक के भाई मनोज निषाद ने बताया कि मेरे भाई की मौत जेल में नहीं, बल्कि तौलिहवा पुलिस कस्टडी में हुई है। पुलिस ने उसे इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया कि उसकी जान चली गई। यह कस्टडी डेथ नहीं, यह कस्टडी में की गई हत्या है। नेपाल पुलिस ने मौत के बाद परिवार को समय पर सूचना तक नहीं दी। इतना ही नहीं, कस्टडी डेथ से जुड़ी कोई मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। नेपाल पुलिस मामले की सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रही है। विनोद किसी अपराध में शामिल नहीं था। उसे झूठे आरोप में फंसाकर अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया गया। हमने भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। ग्रामीण बोले-नेपाल पुलिस अक्सर परेशान करती है सीमा क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी नेपाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नेपाल पुलिस अक्सर भारतीयों के साथ कठोरता, पक्षपात और अत्यधिक दमनकारी रवैया अपनाती है। उनके अनुसार, जब विनोद ने खुद अपनी पत्नी को प्रताड़ना की जानकारी दी थी, तो नेपाल पुलिस की जिम्मेदारी थी कि सुरक्षा सुनिश्चित करें। लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। विनोद निषाद की मौत ने न केवल नेपाल पुलिस की भूमिका, बल्कि हिरासत में पूछताछ की प्रक्रिया, मानवाधिकारों के पालन और सीमा क्षेत्र में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार ने साफ कहा है कि वे न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे और इस मामले को दबने नहीं देंगे। ………………………………. ये खबर भी पढ़ें… मेरठ में ओलंपियन दुल्हन ने शादी में की फायरिंग, VIDEO, बॉक्सर दूल्हे ने नोटों की गड्डियां उड़ाईं; दोनों पर FIR मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज जीवनसाथी बन गए। लाल रंग का लहंगा पहने अन्नू अपनी सहेलियों के साथ स्टेज तक पहुंचीं। यहां साहिल ने आगे बढ़कर उनका हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज पर ले गए। फिर घुटनों के बल बैठकर अन्नू को फूलों का गुलदस्ता दिया। पढ़ें पूरी खबर…









































