बस्ती के कलवारी थाना क्षेत्र के पाऊं कस्बे में गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान एक बिहारी मुस्लिम परिवार पर संदेह उत्पन्न हो गया। परिवार आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका, जिसके बाद बीएलओ, पंचायत प्रतिनिधि, भाजपा कार्यकर्ता और हिंदूवादी संगठनों ने शासन स्तर से जांच की मांग की। जानकारी के अनुसार, यह परिवार लगभग दो माह पहले पाऊं कस्बे में जमीन खरीदकर नींव भरने के बाद तंबू लगाकर रह रहा है। परिवार गांव-गांव जाकर रूई धुनाई का काम करता है। मतदाता पुनरीक्षण के दौरान पुख्ता प्रमाण उपलब्ध न करा पाने पर बीएलओ संजय कुमार को संदेह हुआ। उन्होंने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वेंकटेश्वर गुप्ता और स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर भाजपा की टीम-11 को मौके पर बुलाया गया। मंडल अध्यक्ष कुदरहा दुर्गेश कुमार और मंडल अध्यक्ष कलवारी संजय चौरसिया की मौजूदगी में टीम-11 के सदस्यों सत्येंद्र सिंह भोलू, सुनील सिंह काका, तारकनाथ जायसवाल और प्रदीप निषाद ने बीएलओ संजय कुमार, लेखपाल भास्कर वर्मा, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वेंकटेश्वर गुप्ता और संबंधित परिवार से पूछताछ की। पूछताछ में परिवार ने बताया कि वे बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के निवासी हैं। उन्होंने कहा कि आजीविका के लिए उनके रिश्तेदारी से जुड़े सैकड़ों परिवार बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर और अन्य जिलों में व्यवसाय कर रहे हैं। परिवार ने यह भी दावा किया कि बस्ती जिले के विभिन्न कस्बों में पिछले कई वर्षों से ऐसे सौ से अधिक परिवार रह रहे हैं। परिवार ने अगस्त 2025 में बस्ती तहसील से जारी निवास प्रमाण पत्र और आधार कार्ड भी टीम के सामने प्रस्तुत किए। टीम-11 के सदस्यों ने उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच शासन स्तर से कराई जाएगी और जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ के वरिष्ठ नेता सुमित शुक्ला, ब्लॉक अध्यक्ष रूप नारायण गौड़, क्षेत्र पंचायत सदस्य राघवेंद्र शुक्ला, पूर्व प्रधान अभिषेक पाण्डेय, राजपुर बैरिहवा के प्रधान प्रतिनिधि प्रदुमन शुक्ला, भाजपा नेता रवि पाण्डेय, राम आशीष गोस्वामी, विजय शंकर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।









































