सिद्धार्थनगर के नौगढ़ विकास क्षेत्र में शाह गांव के प्राथमिक स्कूल परिसर में जांच के लिए पहुंचे अपर डीपीआरओ राजेश सिंह को ग्रामीणों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में तैनात सफाई कर्मचारी प्रकाश को गांव की सफाई के बजाय अधिकारी की निजी गाड़ी चलाने में लगाया गया है। जिसके कारण पिछले एक साल से गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि सिरवत गांव में गंदगी का अंबार लगा है। नालियां जाम हैं और कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने अपर डीपीआरओ से सीधे सवाल किया कि किस नियम के तहत गांव के सफाई कर्मचारी से अधिकारी की गाड़ी चलवाई जा रही है। घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें ग्रामीण लगातार सवाल करते दिखाई दे रहे हैं। अधिकारी की चुप्पी साफ नजर आती है। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि गांव में सफाई कर्मचारी प्रकाश की तैनाती होने के बावजूद वह गांव में कभी नजर नहीं आता, बल्कि नियमित रूप से अपर डीपीआरओ की गाड़ी चलाता है। इससे गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था का खुला दुरुपयोग है। अपर डीपीआरओ राजेश सिंह ने कहा कि अजय कुमार शुक्ला ने सफाई कर्मचारी से भागवत कार्यक्रम के लिए 10 हजार रुपए का चंदा मांगा था। चंदा न देने पर ही यह विवाद खड़ा किया जा रहा है। हालांकि, सामने आए वीडियो में गाड़ी कौन चला रहा है। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जिससे अधिकारी के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सफाईकर्मी से अधिकारी पर निजी गाड़ी चलवाने का आरोप:गांव में साफ-सफाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश, 2 साल से सफाई व्यवस्था ठप
सिद्धार्थनगर के नौगढ़ विकास क्षेत्र में शाह गांव के प्राथमिक स्कूल परिसर में जांच के लिए पहुंचे अपर डीपीआरओ राजेश सिंह को ग्रामीणों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में तैनात सफाई कर्मचारी प्रकाश को गांव की सफाई के बजाय अधिकारी की निजी गाड़ी चलाने में लगाया गया है। जिसके कारण पिछले एक साल से गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि सिरवत गांव में गंदगी का अंबार लगा है। नालियां जाम हैं और कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने अपर डीपीआरओ से सीधे सवाल किया कि किस नियम के तहत गांव के सफाई कर्मचारी से अधिकारी की गाड़ी चलवाई जा रही है। घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें ग्रामीण लगातार सवाल करते दिखाई दे रहे हैं। अधिकारी की चुप्पी साफ नजर आती है। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि गांव में सफाई कर्मचारी प्रकाश की तैनाती होने के बावजूद वह गांव में कभी नजर नहीं आता, बल्कि नियमित रूप से अपर डीपीआरओ की गाड़ी चलाता है। इससे गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था का खुला दुरुपयोग है। अपर डीपीआरओ राजेश सिंह ने कहा कि अजय कुमार शुक्ला ने सफाई कर्मचारी से भागवत कार्यक्रम के लिए 10 हजार रुपए का चंदा मांगा था। चंदा न देने पर ही यह विवाद खड़ा किया जा रहा है। हालांकि, सामने आए वीडियो में गाड़ी कौन चला रहा है। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जिससे अधिकारी के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।









































