बलरामपुर में दुष्कर्म के एक मामले में अभियुक्त प्रिंस पुत्र रामजी को माननीय न्यायालय ने 14 वर्ष के कठोर कारावास और 30,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत प्रभावी पैरवी के बाद 19 दिसंबर को सुनाया गया। यह मामला 12 मई 2022 को प्रकाश में आया था, जब पीड़िता ने ललिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया था कि प्रिंस पुत्र रामजी, निवासी ग्राम हड़हा मशो गोड़वा, थाना ललिया, बलरामपुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता की शिकायत के आधार पर, ललिया थाने में मु.अ.सं.- 58/22, धारा- 376 भारतीय दंड संहिता के तहत प्रिंस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले की विवेचना निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी की ओर से की गई, जिसके बाद आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान, मॉनिटरिंग सेल के नोडल प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय के नेतृत्व में विशेष लोक अभियोजक कुलदीप सिंह, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी बृजानंद सिंह और थाना ललिया पुलिस ने प्रभावी पैरवी की। अपर सत्र न्यायाधीश (ASJ) कोर्ट-6, बलरामपुर ने अभियुक्त प्रिंस को दोषी ठहराते हुए 14 साल के कठोर कारावास और 30,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
दुष्कर्म के दोषी को 14 साल की सजा:बलरामपुर कोर्ट ने ₹30 हजार का अर्थदंड भी लगाया
बलरामपुर में दुष्कर्म के एक मामले में अभियुक्त प्रिंस पुत्र रामजी को माननीय न्यायालय ने 14 वर्ष के कठोर कारावास और 30,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत प्रभावी पैरवी के बाद 19 दिसंबर को सुनाया गया। यह मामला 12 मई 2022 को प्रकाश में आया था, जब पीड़िता ने ललिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया था कि प्रिंस पुत्र रामजी, निवासी ग्राम हड़हा मशो गोड़वा, थाना ललिया, बलरामपुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता की शिकायत के आधार पर, ललिया थाने में मु.अ.सं.- 58/22, धारा- 376 भारतीय दंड संहिता के तहत प्रिंस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले की विवेचना निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी की ओर से की गई, जिसके बाद आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान, मॉनिटरिंग सेल के नोडल प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय के नेतृत्व में विशेष लोक अभियोजक कुलदीप सिंह, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी बृजानंद सिंह और थाना ललिया पुलिस ने प्रभावी पैरवी की। अपर सत्र न्यायाधीश (ASJ) कोर्ट-6, बलरामपुर ने अभियुक्त प्रिंस को दोषी ठहराते हुए 14 साल के कठोर कारावास और 30,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।





































